आपने पान, बीड़ा के बारे में तो बहुत सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी पान के पत्तों की चाय के बारे में सुना है? जी हां, आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे कन्नडिगा व्यक्ति की जो अब विदेशियों को पान के पत्ते की चाय के स्वाद पिला कर चर्चे में आ गया हैं. जानें उनकी स्टार्टअप सक्सेस स्टोरी के बारे में पूरी कहानी.
मैसूर, कर्नाटक के रहने वाले संदीप ने उत्तर पूर्वी सुपारी चाय का एक नया स्टार्टअप शुरू करने के बाद उसमें सफलता हासिल की है. सुपारी का प्रयोग हम सामान्य तौर पर शादी, समारोह में पान के पत्तों के साथ तम्बाकू खाने के रिवाज के रूप में प्रयोग करते हैं. वैसे तो यह पान का पत्ता स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है.
संदीप ईशान्या ने भारत में सुपारी के स्वास्थ्य लाभ के बारे में एक लेख पढ़ने के बाद प्रेरित होकर सुपारी चाय स्टार्टअप शुरू किया. एक छोटा सा आईडिया और दृढ़ संकल्प ने संदीप को एक सफल उद्यमी बना दिया. इस सफलता के पीछे संदीप की ढाई साल की कड़ी मेहनत और लगन थी.
संदीप के अनुसार वह एक बेरोजगार युवा थे. सुपारी के बाज़ार को देखने के बाद उन्होंने इस सुपारी को अपने लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इसे स्टार्टअप की तरह शुरू किया. उन्होंने बताया कि एक अंग्रेजी अखबार Neglected Green Gold Of India में एक लेख प्रकाशित हुआ था. जिससे प्रभावित होकर उन्होंने यह स्टार्टअप शरू किया था. पहले उन्होंने सुपारी को भोजन की तरह प्रयोग करने का आइडिया बनाया था. बाद में इन्होने उसे बदलते हुए चाय में बदलने का विचार बनाया. क्योंकि चाय लोग रोज ही पीते हैं और खाने में लोग इसे प्रतिदिन खायेंगे यह जरुरी नहीं था. चाय में प्रयोग से यह लोगों को आसानी से उपलब्ध भी कराई जा सकती थी. पहले यह अवधारणा किसी खट्टे फल की तरह थी लेकिन अब यह लोगों के बीच रंगीन तितलियों की तरह उड़ रही है. संदीप ने बताया कि इसके लिए उन्होंने मैंगलोर के एक शोध संस्थान निट्टे में शोध शुरू किया. डेढ़ साल तक उन्होंने कई तरह के पान की पत्तियों पर रिसर्च की और यह सुनिश्चित किया कि मैसूर के पान के पत्तों से चाय बनाई जा सकती है. उसके बाद इन्होने इसको पेटेंट कराया और आज संदीप ख़ुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि मैं इस बात से खुश हूँ कि उनकी यह पान की चाय जापान, वाशिंगटन, मलेशिया और सिंगापुर सहित विदेशों में भी पसंद की जा रही है. उन्होंने बताया कि एमएस रमैया स्टार्टअप शुरू करने में मदद की. संदीप को इस स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता एमएस रमैया ने ही उपलब्ध करवाई थी. संदीप ने बताया कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए 300 से ज्यादा लोगों ने अप्लाई किया था. जिसमें से यह राशि केवल 8 लोगों को प्रदान की गयी थी. हमारा स्टार्टअप भी उनमें से एक था. हमने राशि को पाने के लिए फंड से 6 महीने पहले एक क्रॉस-डिसिप्लिनरी, 6 महीने की समीक्षा सहित विभिन्न चरणों के सफल समापन के बाद यह फंडिंग उपलब्ध कराई थी. इस काम में मेरी पत्नी रानी विश्वनाथ व कुछ मित्रों का सहयोग रहा है. उन्होंने मुझे विश्वास दिलाया कि मैं कर सकता हूं. संदीप ने बताया कि इस मनोबल से सभी मुश्किलें आसन हो गयीं.
पान के पत्तों से चाय बनाने का दुनिया में पहला प्रयास
संदीप ईस्थान्य कहते हैं कि पान के पत्तों से चाय बनाने का प्रयास केवल हमारे द्वारा किया गया है. वैसे तो दुनिया में पहले से ही कई तरह कि चाय बाज़ार में उपलब्ध हैं. लेकिन अगर बात पान के पत्तों कि करें तो यह पहल केवल हमारे द्वारा कि गयी है. यही कारण है कि दुनिया में इसकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है. संदीप के अनुसार आगे के दिनों में बाज़ार में इसकी मांग और भी बढ़ेगी.
पान के पत्तों से बनी चाय के लाभ
पान के पत्तों में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं और पान के पत्तों के इन गुणों कि आवश्यकता सभी को रहती है.
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- यह शरीर में शुगर कि मात्रा को कम करता है.
- 67% समस्याएं अपच के कारण होती हैं. इसके सेवन से यह समस्या लगभग समाप्त हो जाती है.
- फास्टफ़ूड के कारण कई तरह समस्याएं होती रहती है. यह चाय सभी समस्याओं के निदान में सहयोग करती है.
- यह चाय मुंह की दुर्गन्ध को ख़त्म कर देती है.