अगर आप एक नया बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं, तो हम आपको एक ऐसा बिजनेस का विकल्प बताने जा रहे हैं, जिसको आप आसानी से शुरु कर सकते हैं. अक्सर आपने पशुओं के गोबर-मल और कूड़े-कचरे को बेकार समझ कर फेक दिया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि यही कूड़ा-कचरा आपको लाखों रुपए का मुनाफ़ा दे सकता है. जी हां, आप गाय, भैंस, समेत अन्य पशुओं के गोबर-मल, सड़ी-गली सब्जियों और फलों से बॉयो सीएनजी प्लांट (Bio CNG) का बिजनेस शुरु कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि यह बिज़नेस किस तरह अच्छा मुनाफ़ा देता है.
क्या है बॉयो सीएनजी प्लांट का बिजनेस (What is the business of bio CNG plant)
आपने नैफेड जैसी कई ऐसी कंपनियों के नाम ज़रूर सुने होंगे, ये कंपनियां गाय-भैंस और अन्य पशुओं के गोबर-मल से बॉयो सीएनजी प्लांट लगाती हैं. आप भी इस तरह का कारोबार शुरू कर सकते हैं. बता दें कि बॉयो सीएनजी प्लांट गोबर गैस की तरह ही चलता है, लेकिन इसमें कुछ अलग तरह की मशीनों का उपयोग किया जाता है.
कैसे बनती है बॉयो सीएनजी (How is Bio CNG made?)
बॉयो सीएनजी प्लांट में VPSA (Vacuum Pressure Swing Adsorption) टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है. इसके द्वारा गोबर को प्यूरीफाई किया जाता है, जिससे मीथेन गैस बनाई जाती है. इसके बाद मीथेन को कम्प्रेस करके सिलेंडर में भर देते है.
बिजनेस में लगने वाली लागत (Business cost)
इस प्लांट को लगाने में अधिक लागत जरूर लगती है, लेकिन इसके द्वारा बहुत अच्छा मुनाफ़ा भी कमा सकता हैं. बता दें कि मोदी सरकार द्वारा लगातार प्रदूषण स्तर को घटाने के लिए बॉयो सीएनजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह प्लांट महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा समेत कई अन्य राज्यों में चलाए जा रहे हैं.
बिजनेस से लाभ (Profit from business)
आधुनिक समय में बॉयो सीएनजी की मांग बढ़ती जा रही है. कई लोग इस कारोबार से जुड़ चुके हैं, जो कि सिलेंडर में भरकर बॉयो सीएनजी की सप्लाई करते हैं. यह घरों में सप्लाई होने वाले एलपीजी (LPG) सिलेंडर की तरह ही होता है. खास बात है कि बॉयो सीएनजी बनाने के बाद जो गोबर बचता हैं, वह खाद के रुप में उपयोग किया जाता है. इस खाद को बेचकर अधिक कमाई की जा सकती गै. इससे किसानों को भी अधिक लाभ मिलता है. बॉयो सीएनजी को व्यावसायिक रुप में इस्तेमाल करने के लिए सरकारी से अनुमति लेना ज़रूरी होता है.
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