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Updated on: 5 December, 2023 12:52 PM IST
विश्व मृदा दिवस का इसका इतिहास और महत्व (प्रतीकात्मक तस्वीर)

हर साल 5 दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) मनाया जाता है. मृदा जिसे आम बोलचाल की भाषा में मिट्टी भी कहा जाता है और यह हमारे पर्यावरण का सबसे अहम हिस्सा भी है. इस अवसर पर पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में मिट्टी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला जाता है. यह वार्षिक आयोजन मिट्टी, पौधों, जानवरों और मनुष्यों के बीच जटिल संबंधों की याद दिलाता है.  उदाहरण के तौर पर देखें तो जिस तरह पानी के बिना जीवन मुमकिन नहीं ठीक उसी प्रकार से मिट्टी का भी हमारे जीवन में बेहद महत्व है.

आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें ‘विश्व मृदा दिवस’ क्यों मनाया जाता है और इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है?

क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस?

आपके भी मन में एक सवाल जरूर आया होगा की आखिर विश्व मृदा दिवस को 5 दिसंबर के दिन ही क्यों मनाया जाता है. आपकती जानकारी के लिए बता दें, थाईलैंड के महाराजा स्व. एच.एम भूमिबोल अदुल्यादेज ने अपने कार्यकाल में उपजाऊ मिट्टी के बचाव के लिए काफी काम किए थे. उनके इसी योगदान को देखते हुए उनके जन्मदिवस के अवसर पर 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस के रूप में समर्पित करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया. इसके बाद से ही हर साल 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस के रुप में मनाने की परंपरा शुरू की गई.

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विश्व मृदा दिवस का इतिहास

वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ द्वारा (IUSS) विश्व मृदा दिवस मनाने की सिफारिश की गई थी. जिसकी आधिकारिक तौर पर घोषणा एफएओ (FAO) सम्मेलन ने सर्वसम्मति से 20 दिसंबर 2013 में 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई.

विश्व मृदा दिवस का महत्व

मिट्टी हमारे जीवन के लिए बेहद उपयोगी है, इससे हमें भोजन, कपड़े, आश्रय और दवा समेत जीवन के प्रमुख साधनों का स्रोत मिलता है. विश्व मृदा दिवस को मनाने की मांग उठने के पीछे मिट्टी की जरूरत और उसके महत्व को समझना जरूरी है. मृदा संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन को धूम-धाम से मनाया जाता है. बता दें, सभी स्थलीय जीवों के लिए मिट्टी खास महत्व रखती है. लेकिन कार्बनिक पदार्थ मिट्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इससे मृदा की उर्वरता में गिरावट आती है.

English Summary: world soil day why is celebrated only on 5th December know its history and importance
Published on: 05 December 2023, 12:53 PM IST

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