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Updated on: 13 February, 2020 4:37 PM IST

सर्दियां बीत जाती हैं, लेकिन यादों की चमक हमेशा बरकरार बनी रहती है. ऐसी ही एक याद  13 फरवरी ने समेट रखी है क्योंकि इस तारीख को 'वर्ल्ड रेडियो डे' (World Radio Day) माना जाता है. हम जब भी रेडियो की बात करते हैं, तो हमें सबसे पहले ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio - AIR) का नाम याद आता है. इसकी वो धुन याद आती है, जिसके बिना शायद ही कभी हमारी सुबह हुआ करती थी.

आज की भागदौड़ वाली दुनिया में भले ही हम रेडियो न सुनते हों, लेकिन उसकी धुन कभी नहीं भूल सकते हैं. किसानों के लिए भी रेडियो किसी भगवान से कम नहीं है. जब किसानों के पास खेतीबाड़ी से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने का कोई साधन नहीं था. तब रेडियो उनका गुरू बन गया. किसानों ने रेडियो के माध्यम से भी खेतीबाड़ी करना सीखा, यह एक ऐसा साधन है, जिसको हर छोटे-बड़े किसानों ने अपनाया है.

किसानों का गुरू बना रेडियो

किसानों के लिए रेडियो पर कई अहम प्रोग्राम चलाए जाते हैं, जिनके माध्यम से किसानों को कृषि से जुड़ी हर जानकारी मिलती रहती है. हमारे देश में कई किसान ऐसे हैं, जो आर्थिक स्थिति के कारण से संचार के साधनों को अपना नहीं सकते हैं. ऐसे में रेडियो उनका भगवान बना, जिसने उनकी हर समस्या का समाधान कर दिया.

रेडियो पर कृषि से जुड़े कई कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है, जिसमें किसानों को कृषि विशेषज्ञ द्वारा खेतीबाड़ी से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी मुहैया कराई जाती है. इतना ही नहीं, किसान रेडियो पर कृषि संबंधी कार्यक्रम सुनते हैं और कृषि विशेषज्ञों की सलाह भी लेते हैं. इस तरह किसानों को खेतीबाड़ी में बहुत सहायता मिलती है. इससे वह अपनी फसल की उपज भी अच्छी कर पाते हैं. आज के दौर में हर गांव में आकाशवाणी पहुंच चुकी है, जिसका उद्देश्य किसानों को सीधे विशेषज्ञों से जोड़ने का है.

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English Summary: world radio day: radio has helped farmers a lot in farming
Published on: 13 February 2020, 04:40 PM IST

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