बचपन से ही सबको एक सलाह जरूर दी जाती है कि अगर आप अपने शरीर को चुस्त-दुरुस्त और तंदुरुस्त रखना चाहते हैं तो रोजाना दूध का सेवन करें. आपको भी ऐसी सलाह जरूरी मिली होगी. दूध का महत्व ही इतना ज्यादा है कि बिना इसके किसी भी घर की रसोई अधूरी होती है.
दूध के इसी महत्व को देखते हुए पूरी दुनियाभर में हर साल दूध के लिए एक दिन को समर्पित कर दिया गया है. जी हां, हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day 2023) मनाया जाता है. इसे हर साल अलग-अलग थीम के तहत मनाया जाता है. इस बार की क्या थीम है. इसे मनाये जाने के पीछे क्या इतिहास रही है, इसका उद्देश्य क्या है, ऐसी सभी बातें इस लेख में जानेंगे.
विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास
आज से 22 साल पहले साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को मनाने के लिए जून की पहली तारीख का चुनाव किया.
विश्व दुग्ध दिवस का महत्व
इस विशेष दिन को मनाये जाने का लक्ष्य दूध में निहित पौष्टिक तत्वों को समझते हुए इसका सेवन करना है. डेयरी क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और इसे मजबूत बनाना भी विश्व दुग्ध दिवस का उद्देश्य है. FAO के एक आंकड़े पर नजर डालें तो 6 अरब लोग डेयरी उत्पादों का उपभोग करते हैं और 1 अरब से अधिक लोगों को डेयरी व्यवसाय आजीविका देता है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे दुग्ध की खपत और डेयरी क्षेत्र में रोजगार दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में ये दिन हमें डेयरी उद्योग से संबंधित किसी भी तरह की संभावित पहल के बारे में जागरूकता बढ़ाने और समर्थन करने का अवसर प्रदान करना है.
ये भी पढ़ें: World Milk Day: कब और कैसे हुई थी विश्व में दुग्ध दिवस की शुरूआत, जानें इसका महत्व और इतिहास
विश्व दुग्ध दिवस 2023 की थीम
विश्व दुग्ध दिवस 2023 की थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे डेयरी ने पौष्टिक खाद्य पदार्थ और आजीविका प्रदान करते हुए पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम किया है.