प्रोटीन (Protein) आपके शरीर को क्या करता है? इसका जवाब बहुत से लोगों से नहीं पता है जिसकी वज़ह से देश के नागरिकों में 'राइट तो प्रोटीन' (Right to Protein) की जागरूकता लाने के लिए प्रोटीन डे (National Protein Day) की स्थापना की गयी है. प्रोटीन स्वस्थ आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह अमीनो एसिड (Amino Acid) नामक रासायनिक 'बिल्डिंग ब्लॉक्स' से बने होते हैं. अमीनो एसिड का शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों के निर्माण एवं मरम्मत के साथ हार्मोन और एंजाइम बनाने का काम करता है. यह हमारी बॉडी के लिए पॉवर हाउस कहलाता है.
क्यों मनाया जाता है प्रोटीन डे (Why Protein Day is Celebrated)
भारत में प्रोटीन की कमी के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को इस मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) को अपने आहार में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 27 फरवरी को राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस (National Protein Day on 27 February) के रूप में मनाया जाता है.
27 फरवरी, 2020 को राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य पहल 'राइट टू प्रोटीन' (Right to Protein) के मद्देनज़र इस दिन की शुरुआत की गई थी.
प्रोटीन डे 2022 की थीम (Theme of Protein Day 2022)
प्रोटीन डे 2022 (Protein Day 2022) की थीम 'फूड फ्यूचरिज्म' (Food Futurism) रखी गयी है. एक बातचीत के रूप में 'फूड फ्यूचरिज्म' पोषण विशेषज्ञों, खाद्य वैज्ञानिकों, जीवविज्ञानियों (Nutritionists, Food Scientists, Biologists) सहित अन्य लोगों को एक साथ लाएगा.
इससे भारतीयों को स्वस्थ पोषण के पीछे के विज्ञान, खाद्य सुरक्षा और प्रोटीन की पर्याप्तता (Science, Food Security and Protein Adequacy) में इसकी भूमिका को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकेगी. इसके तहत देश में भोजन और विशेष रूप से प्रोटीन की पर्याप्तता को बढ़ावा देना इस थीम का मिशन है.
क्या है प्रोटीन डे का लक्ष्य (What is the Goal of Protein Day)
महामारी ने स्थायी रूप से "बिल्ड बैक बेटर" (Better Back Build) करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है. कृषि पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव (Effects of Global Warming on Agriculture) को लेकर इसमें बदलाव की आवश्यकता पर बढ़ावा दिया है.
वैज्ञानिकों द्वारा हंगर फ्री इंडिया (Hunger Free India) के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए खाद्य और कृषि स्ट्रक्चर (Food and Agriculture Structure) को बदलने के लिए श्रृंखला प्रदान की गयी है. इसलिए इस प्रोटीन डे पर खाद्य सुरक्षा और इसे बढ़ावा देने के लिए चर्चा होगी साथ ही इसमें विज्ञान की भूमिका को भी बताया जायेगा.
गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया के प्रबंध निदेशक वरुण देशपांडे (Varun Deshpande, Managing Director, Good Food Institute India) ने इस प्रयास का समर्थन करते हुए कहा कि, "जलवायु परिवर्तन और महामारी जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए, भारत को एक अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और न्यायपूर्ण खाद्य प्रणाली की आवश्यकता है. साथ ही बेहतर भविष्य की सेवा में इससे जुड़े सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोटीन दिवस 2022 के विषय के रूप में 'फ़ूड फ्यूचरिज्म' का समर्थन करते हुए हमें खुशी हो रही है".
राइट टू प्रोटीन है सबका हक (Right to Protein is Everyone's Right)
2020 में भारत के पहले प्रोटीन दिवस की स्थापना के बाद से 'राइट तो प्रोटीन' का लक्ष्य एक तिहाई पूरा होने ही वाला है. खाद्य विज्ञान के माध्यम से भारत एक प्रोटीन पर्याप्त देश बनने की और अग्रसर है.