Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 25 September, 2020 11:44 AM IST

 पॉपकॉर्न को दुनिया को सबसे मशहूर स्नैक माना जाता है. भारत में यह मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के चलन के बाद कुछ ज्यादा ही मशहूर हो गया. हालाँकि इससे पहले यह अमेरिका समेत विश्व के कई देशों में पहले से मशहूर है. सबसे पहले इसका चलन भी अमेरिकी महाद्वीपों में हुआ. वहीं से यह दुनियाभर में चर्चा में आया. ऐसा माना जाता है कि साउथ अमेरिका रेड इंडियन ठिकानों पर इसका चलन था.

अमेरिका में सबसे पहले भुना गया

आज तो दुनियाभर में पॉपकॉर्न का मशहूर है लेकिन सबसे पहले इसे अमेरिका में भुना और खाया गया था. एक किस्सा मशहूर है कि जब पुरातत्व वैज्ञानिकों को मक्का के पुराने दाने मिले तो उन्होंने उसे भुनने का प्रयास किया. जब हजार साल पुराने मक्का के दानों को गर्म किया गया तो वे फूट पड़े. बता दें कि ये करीब 200 डिग्री सेल्सियस तापमान फटती है तब इसमें से पॉपकॉर्न निकलता है. अमेरिका के मशहूर पुरातत्व वैज्ञानिक थॉमस हार्पर गुडस्पीड ने 1941 में छपी अपनी क़िताब प्लांट हंटर्स इन द एंडीज में पॉपकॉर्न के बारे में दिलचस्प किस्सा बयान किया है. उन्हें चिली के वैज्ञानिकों से तक़रीबन हजार साल पुराने पॉपकॉर्न के दाने प्राप्त हुए थे. एक दिन उन्हें ख़्याल आया कि क्यों इन्हें भुना जाए. हमने देखा कि तेज आंच पर वे दाने फटने लगे. उन्हें देखकर लग रहा था कि जैसे वे पिछले साल उगाई गई मक्का के दाने हो.  

ज्वार-बाजरा से करें पॉपकॉर्न उत्पाद

भारत में भी पॉपकॉर्न का प्रचलन बढ़ गया है. मल्टीप्लेक्स के अलावा शॉपिंग मॉल्स समेत अन्य जगह पर पॉपकॉर्न आसानी से मिल जाता है. मक्का के अलावा इन दिनों देश में ज्वार और बाजरा से बने पॉपकॉर्न और उससे सम्बंधित उत्पाद बनाए जा रहे हैं. इसके लिए भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान बाकायदा ट्रैनिंग दे रहा है. भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के साइंटिस्ट डॉ. संगप्पा का कहना है कि हम किसानों को कुछ दिनों का प्रशिक्षण देते हैं, जिसमें हम उन्हें दोबारा से बाजरा, ज्वार, रागी जैसे पौष्टिक अनाजों की फसल के लिए प्रोत्साहित करते हैं. बता दें कि इन मोटे अनाजों में गेंहूं और चावल की बजाय ज्यादा पोषण होता है. 

पॉपकॉर्न का प्रशिक्षण

डॉ. संगप्पा का कहना है कि पहले मक्का से बना पॉपकॉर्न मिलता था. हमने ज्वार, बाजरा से पॉपकॉर्न बनाया. वहीं कोदो, सांवा और कुटकी, जैसे मोटे अनाजों से बिस्किट, सेवई, फ्लेक्स जैसे कई प्रोडक्ट का निर्माण किया. वहीं गेहूं के आटे से बना पास्ता ही मार्केट में मिलता था,  लेकिन हमने अब बाजरे का पास्ता भी तैयार किया है. हम इसका किसानों को प्रशिक्षण देते हैं. 

ज्वार और बाजरे के पॉपकॉर्न की प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग के लिए यहां करें सपंर्क

डॉ. विलास ए टोनापी भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान राजेंद्र नगर, हैदाराबाद, तेलंगाना ईमेल : millets.icar@nic.in, director.millets@icar.gov.in फोन : +91 - 040 - 2459 9301
डॉ. रवि कुमार फोन: 040-24599379

English Summary: popcorn biscuits flakes like products from super food millets
Published on: 25 September 2020, 11:49 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now