देश के कई राज्यों में फलों को आधुनिक तरीकों से पकाया जा रहा है. फलों को पकाने की कई प्राकृतिक तकनीक भी कारगर साबित हुई हैं, लेकिन फलों को पकाने के लिए हमेशा पुरानी घरेलू तकनीक ही चर्चा में रहती हैं. इन तरीकों से फल व्यापारी फल पकाकर तैयार करते हैं, किसानों और व्यापारियों का मानना है कि पेड़ पर पके फल ज्यादा दिनों तक सुरक्षित नहीं रह पाते हैं. अगर फल को केमिकल और कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल से पकाया जाए, तो बाजार के लिए ये जोख़िमभरा होता है, क्योंकि फल मंडी में छापेमारी और खाद्य प्रशासन विभाग की जांच होती रहती है, इसलिए देश के कई राज्यों में कृषि और खाद्य विशेषज्ञों ने फल पकाने के वैकल्पिक तरीकों पर रिसर्च किया जिसके बाद फल पकाने की कई तकनीक सामने आई हैं. आज हमारे इस लेख में फल पकाने की पूरी जानकारी विस्तार से ज़रूर पढ़ें.
राइपनिंग तकनीक
यह तकनीक फल पकाने की सबसे आधुनिक और नुकसान रहित मानी जाती है. इसका उपयोग कई बड़े फल विक्रेता करते हैं. इसमें छोटे-छोटे चैंबर वाला कोल्ड स्टोरेज तैयार किया जाता है. इस चैंबर में एथिलीन छोड़ दी जाती है. इससे फल पकने लगते हैं. खास बात है कि इस तकनीक में फलों में घातक केमिकल भी नहीं होते हैं. इसकी क्वालिटी भी बेहतर रहती है. देश के कुछ राज्यों में किसान इस तकनीक को अपना रहे हैं. इसके लिए किसानों को लगभग 35 से 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रखी है. इस तकनीक को आम, पपीता और केला पकाने में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.
अडूसा पत्ती से पकाएं फल
अडूसा पत्ती का लेप फलों को पकाने में बहुत कारगर साबित है. इसका उल्लेख आयुर्वेद में भी हुआ है. खास बात है कि इसका पौधा जंगल, मेड़ या कहीं भी मिल सकता है. फल पकाने के लिए सबसे पहले इसकी पत्तियों को पीस लें. इसे पानी में घोलकर उसका सॉल्यूशन तैयार कर लें. अब फल को करीब 20 मिनट डुबाकर रखें. इसके बाद फल को धूप या पंखे में सुखाएं. इस प्रक्रिया के बाद फल को पैरा या किसी कार्टन में ढंककर रख दें. इस तकनीक से फल 4 से 5 दिनों में पक जाते हैं. इससे फल ज्यादा दिनों तक टिकते हैं और बहुत मीठे भी होते हैं.
पारंपरिक तरीके से फल पकाएं
फलों के पकाने के लिए घरेलू और पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल होता है. कुछ व्यापारी पैरावट में फलों को दबाकर रखते हैं. ये तरीका बहुत सुरक्षित और कम खर्चीला होता है, लेकिन इसमें समय ज्यादा देना पड़ता है. इसके अलावा पकाने के लिए फल को बोरे, पैरा और भूसे में दबाकर भी रख सकते हैं.
इस तरीके से भी फल अच्छी तरह पक जाते हैं, ते वहीं फल को कागज में लपेटकर पकाने का तरीका कारगर साबित हुआ है. इन सभी तरीकों से फल 4 से 5 दिनों में पककर तैयार हो जाते हैं और इनकी क्वालिटी भी अच्छी रहती है. अगर किसान के खेत से बाजार पासे हैं, तो फलों को पेड़ पर ही पकने देने से बेहतर कोई विकल्प नहीं होता है.