शगुर के मरीजों को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. उनकी जरा ब्लड शुगर को अनियंत्रित कर सकती है, जिसके चलते मरीज को मजबूरन अस्पाल में इंसूलिन का इंजेक्शन लगवाना पड़ता है. नियमित व्यायाम और सख्त डाइटिंग के अलावा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए कई अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
आज हम आपको एक ऐसे ही पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे इंसुलिन प्लांट (insulin plant) के नाम से जाना जाता है. कोस्टस इग्निस या इंसुलिन के पौधे की पत्तियां डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर रही हैं.
कोस्टस इग्निस या इंसुलिन पौधा
इंसुलिन पौधे की पत्तियों में प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट, आयरन, बी केराटिन और कोरोसोलिक एसिड होते हैं, जो कि कई बीमारियों में कारगर हैं. खांसी, सर्दी, संक्रमण, फेफड़ों के रोग और अस्थमा जैसी कई अन्य बीमरियों के लिए रामबाण इलाज है.
इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन के पौधे की पत्तियों का दिन में 6 से 7 बार सेवन करना चाहिए, जिससे रक्त शर्करा नियंत्रण में रहता है. यदि मरीज पत्तियों को खाने में अस्मर्थ हैं, तो इसको पीसकर जूस के तौर पर भी सेवन में लाया जा सकता है. अन्यथा इसका पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकते हैं.
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इसके साथ ही शुगर के मरीजों को अपने आहार में साबुत अनाज, जई, टोंड दूध, दही, छाछ और रेशेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए. आप इंसुलिन का यह पौधा अपने घर पर उगा सकते हैं. चाहे तो बड़े पैमाने पर उगा कर आप इसका व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं.