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Updated on: 12 November, 2019 11:44 AM IST
Devadar

पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाने वाला देवदार वृक्ष कई तरह की खूबियों को समेटे हुए है. इस पेड़ की लकड़ी बहुत ही मजबूत एवं सख्त होती है. यही कारण है कि तमाम तरह के फर्नीचर्स में इसका उपयोग होता है. वैज्ञानिक भाषा में सिड्रस देवदार (Cedrus Deodara) नाम से प्रसिध्द ये पेड़ 3500 से 12000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है. लंबाई में ये 45 मीटर या उससे कुछ अधिक हो सकता है. चलिये आपको देवदार के बारे में कुछ रोचक तथ्य बतातें हैं.

फायदेमंद है देवदार पेड़ (Cedar tree is beneficial)

बात जब भी फर्नीचर बनाने की आती है तो मजबूती के लिए देवदार का नाम अपने आप आ जाता है. किसी भी तरह की मिट्टी में आसानी से उग जाने के कारण ये लोकप्रिय है. पहाड़ी क्षेत्रों में ये अपनी भूगोलिक, सांस्कृतिक एवं भौतिक महत्वता रखता है. इसी कारण से हिमाचल में इसे राज्य वृक्ष का दर्जा दिया गया है.

आंतों के सूजन को कम करता है देवदार (Cedar reduces intestinal inflammation)

इस पेड़ का उपयोग कई तरह की बीमारियों में होता है. इसकी पत्तियों में एक खास गुण होता है जो आंतो की सूजन को कम करने में सहायक होता है. इतना ही नहीं पथरी के उपचार में भी ये पेड़ सहायक होता है. पथरी के अधिकतर दवाईयां इसी पेड़ से बनाई जाती है.

घावों के उपचार में सहायक (Helpful in healing wounds)

किसी भी तरह के पुराने घाव को भरने में इसकी लकड़ी सहायक है. प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति के मुताबिक इसकी लकड़ी को गुनगुने काढ़े के रूप में पीने से गुदा के सभी प्रकार के घाव नष्ट हो जाते हैं.

दवा बनाने में भी आता है काम 

इस पेड़ की कई प्रजातियां हैं. कुछ प्रजातियां जैसे- स्निग्धदार और काष्ठदार को विशेष लकड़ी के तेल और दवा बनाने के लिए जाना जाता है. लकड़ी के सैन्य सामग्री बनाने में भी सेना इसका उपयोग करती है.

English Summary: devadar amazing facts about devadar trees know more about it
Published on: 12 November 2019, 11:47 AM IST

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