जहां एक तरफ जनसंख्या बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ खाद्य पदार्थों की पूर्ति के लिए फसलों में केमिकल उपयोग तेज़ हो गया है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है. दुनियाभर में यह आंकड़ा लगभग 60 करोड़ पार कर चुका है, जिसमें से 30 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. मृत्यु के इस आंकड़े को कम करने के लिए ही खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता के प्रति विशेष ध्यान दिया जाता है.
यह चौथा वर्ष है जिसे पूरी दुनिया विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के रूप में मना रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने की घोषणा की गई थी और तभी से प्रतिवर्ष 7 जून को इस दिवस का आयोजन किया जा रहा है.
कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष इस दिन का आयोजन ऑनलाइन ही किया गया था. संयुक्त राष्ट्र द्वारा खाद्य और कृषि संगठन तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नामित किया गया है.
इस साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2022 का विषय “सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य” रखा गया है. सभी उपभोक्ताओं को सुरक्षित, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्राप्त करने का अधिकार है. खाद्य सुरक्षा एक साझा ज़िम्मेदारी है, ‘सुरक्षित, पौष्टिक और पर्याप्त भोजन’ अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ ही भूख जैसी समस्या को समाप्त कर सकता है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा सुरक्षित खाद्य उपलब्ध करवाने के लिए पहला राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स विकसित किया गया है. खाद्य तेल और घी में हुई मिलावट के बारे में एक मिनट से कम समय में पता लगाने के लिए विशेष उपकरण ‘रमन 1.0’ को भी क्रिया में लाया गया है. ख़ास बात यह है कि स्कूलों तक खाद्य सुरक्षा का मुद्दा ले जाने के लिये ‘फूड सेफ्टी मैजिक बॉक्स’ नामक नवाचारी समाधान की भी शुरुआत की गई है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों, कार्यस्थलों, रक्षा/अर्द्ध सैनिक प्रतिष्ठानों, अस्पतालों और जेलों जैसे 7 परिसरों को ‘ईट राइट कैंपस’ के रूप में घोषित किया है.
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI) ने खाद्य कंपनियों और व्यक्तियों के योगदान को पहचान प्रदान करने के लिये ‘ईट राइट अवार्ड’ की स्थापना की है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्वास्थ्यकर खाद्य विकल्प चुनने में सशक्त बनाया जा सके.
खाद्य जनित रोग हल्के से लेकर बहुत गंभीर तक होते हैं और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है. अपने दैनिक जीवन में, हम खाद्य जनित बीमारी को रोक सकते हैं और उत्पादकता को बढ़ावा दे सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने भोजन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 2018 में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की स्थापना की साल दर साल हम विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पहल की बढ़ती संख्या देखते हैं, जो खाद्य सुरक्षा के बारे में जनता की जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं. केवल सुरक्षित भोजन ही हमें निरोगी स्वास्थ्य और उचित पोषण प्रदान कर सकता है उससे मानसिक और सामाजिक लाभ मिलता है. सुरक्षित भोजन ही एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण गारंटर है.
असुरक्षित खाद्य पदार्थ कई बीमारियों का कारण हैं और ख़राब स्वास्थ्य में योगदान करते हैं, लेकिन अधिकांश खाद्य जनित रोगों को रोका जा सकता है. जिस तरह से हम खाद्य प्रणालियों का निर्माण करते हैं और खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं को व्यवस्थित करते हैं, तो हम व्यवहार ही संक्रामक और जहरीले खतरों को रोक सकते हैं.
(लेखक: श्रीमती सोनाली सिद्धार्थ सावंत)