समृद्ध किसान उत्सव का महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र में होगा आयोजन Vegetable Farming: जुलाई में इन 5 सब्जियों की खेती बना देगी मालामाल, मिलेगी बंपर पैदावार Mango Orchards: आम के नए बाग लगाना है तो रखें इन बातों का ध्यान Vermicompost: केंचुआ खाद कृषि भूमि के लिए है वरदान, यहां जानें इससे जुड़ी सभी जानकारी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Home Gardening: घर के गमले में पत्ता गोभी उगाना है बेहद आसान, जानें पूरा प्रोसेस Red Rust: आम की उभरती समस्या ‘लाल जंग रोग’, यहां जानें कैसे करेंगे प्रबंधित
Updated on: 19 May, 2022 10:59 PM IST
Krishi Jagran to host special webinar on World Bee Day

हमारे पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem ) के अस्तित्व के लिए परागण (Pollination) आवश्यक है. पशु परागण (Animal pollination) का उपयोग पूरी तरह या आंशिक रूप से दुनिया के लगभग 90% जंगली फूलों के पौधों की प्रजातियों ( Wild Flowering Plant Species) द्वारा किया जाता है. मधुमक्खियां और अन्य परागणक न केवल अधिक विविधता और फलों, नटों और बीजों की उच्च गुणवत्ता के उत्पादन को सक्षम करते हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा और पोषण में योगदान होता है.

मधुमक्खियों का आर्थिक योगदान भी अमूल्य है. मधुमक्खी पालन भारत की सबसे पुरानी प्रथाओं में से एक है. नतीजतन, भारत दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण शहद बाजारों में से एक बन गया है, जिसके परिणामस्वरूप नवाचार और गुणवत्ता के मामले में तीव्र प्रतिस्पर्धा हुई है. मधुमक्खी पालन के महत्व और "मीठी क्रांति" के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए समग्र मधुमक्खी पालन विकास की आवश्यकता महसूस की गई.

नतीजतन, भारत सरकार ने वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार और विकास और गुणवत्ता वाले शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन के लिए "राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम)" नामक एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है.

इस संबंध में कृषि जागरण द्वारा विश्व मधुमक्खी दिवस पर "मधुमक्खी और मधुमक्खी पालन प्रणाली की विविधता" पर एक वेबिनार का आयोजन 20 मई 2022 को दोपहर 3 बजे किया जा रहा है. मधुमक्खी पालन क्षेत्रों के विभिन्न नेताओं, सरकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों से सीखने के लिए...

वेबिनार के प्रमुख बिंदु:

  • स्थानीय किसानों के कच्चे शहद को बढ़ावा देना

  • जब भी संभव हो जंगली मधुमक्खी कालोनियों की रक्षा करना

  • एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना

  • परागणकों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाएं

  • कीटनाशक, कवकनाशी के उपयोग और संशोधन में कमी

  • सरकार द्वारा स्थानीय समुदायों की भागीदारी को मजबूत करना

  • परिवर्तन लाने के लिए मौद्रिक प्रोत्साहन सहित रणनीतिक उपायों को लागू करना

  • बगीचे में विविध प्रकार के देशी पौधे और फूल लगाना

प्रख्यात वक्ता:

  • डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा ​​(मुख्य अतिथि), पूर्व कृषि आयुक्त, पूर्व मिशन निदेशक (एनबीएचएम), कृषि मंत्रालय

  • डॉ. पीके पंत, सीओओ, कृषि जागरण

  • बृजेश कुमार वर्मा, प्रगतिशील किसान, शहद प्रसंस्करण संयंत्र, लखनऊ, यूपी

  • डॉ. बलराज सिंह, परियोजना समन्वयक, पीसी सेल, कीट विज्ञान विभाग, भाकृअनुप-भाकृअनुसं, नई दिल्ली

  • देवव्रत शर्मा, सदस्य, नेशनल बी बोर्ड, दिल्ली (हाई-टेक नेचुरल प्रोडक्ट्स इंडिया लिमिटेड के संस्थापक)

  • जगजीत सिंह कपूर, सदस्य, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, दिल्ली

  • अशोक भगत, विशेषज्ञ सलाहकार, केवीआईसी, हनी मिशन प्रोग्राम ऑफ इंडिया

English Summary: World Bee Day 2022: Krishi Jagran to host special webinar on World Bee Day
Published on: 19 May 2022, 11:06 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now