महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार कई तरह की योजनाएं लॉन्च करती रहती है. इसी क्रम में कई संस्थाएं भी महिलाओं के लिए काम करती हैं. पंजाब में भी ऐसी एक संस्था है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी सहायता कर रही है.
इस संस्था का नाम आईसीआईसीआई फाउंडेशन योग (ICICI Foundation Yoga) है. इसके अंतर्गत निजी कंपनी से मिली आर्थिक सहायता से तेल निकालने की मशीन लगा कर सरसों, नारियल, बादाम का तेल निकालकर बेचने का मलेरकोटला जिले के गांव हिमताना की महिलाएं काम करती हैं. जिस मशीन से वह काम करती हैं, उसका नाम कोल्ड वुडन प्रेस (Cold Wooden Press) है. इस तरह की पूरे पंजाब में करीब-करीब 10 मशीनें काम करती है.
तेल निकालकर बेच रही महिलाएं (women selling oil)
यह फाउंडेशन उन महिलाओं के लिए ज्यादातर काम करती है, जो महिलाएं काम की तलाश के लिए बाहर नहीं जा पाती हैं. यह फाउंडेशन महिलाओं का एक ग्रूप तैयार करती है और फिर उन्हें 2 लाख 50 हजार रुपये, एक तेल निकालने की मशीन फ्री लगाकर देती है. जिसके मदद से यह महिलाएं सरसों, नारियल और बादाम के तेल को निकालकर बेचती हैं.
गौरतलब की बात यह है कि जो भी ग्राहक महिलाओं के पास तेल खरीदने के लिए आता है, वह उनकी आंखों के सामने ही मशीन से तेल निकालकर उन्हें देती हैं. ताकि लोगों को इस बात का भी पता चल सके कि इन तेलों में किसी भी तरह का कोई केमिकल नहीं डाला जाता है.
सभी महिलाओं का अलग-अलग काम (different work for all women)
मिली जानकारी के मुताबिक, महिलाओं के द्वारा तैयार किए हुए तेलों में सबसे ज्यादा सरसों के तेल की बिक्री होती है. ग्रुप में सभी महिलाएं तेल निकालने का काम ही नहीं करती उसमें सब अलग-अलग काम करती हैं. जैसे कि कुछ महिलाएं तेल निकालती हैं, तो कुछ पैकिंग करती है और कुछ उनके ऊपर लेबल लगाने का काम करती हैं.
महिलाओं का कहना है कि उनके द्वारा तैयार किया हुआ तेल बाजार के तेल से अधिक चिकना और शुद्ध है. इसे आप अपने शरीर पर लगाने के अलावा परांठे व सब्जियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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महीने में 50 से 60 हजार रुपए की बचत (Saving of 50 to 60 thousand rupees in a month)
इस फाउंडेशन से जुड़े पंजाब की महिलाएं आज के समय में हजारों रुपए कमा रही हैं. महिलाओं के मुताबिक, लोग उनके तेल की गुणवत्ता के कारण ढाई सौ रुपए प्रति लीटर खर्च से तेल लेकर जा रहे हैं. इससे हमें लगभग 70 रुपए तक का सीधा फायदा होता है. अगर हिसाब लगाया जाए तो एक समूह में 5 महिलाएं काम करती हैं, तो इससे 50 से 60 हजार रुपए प्रति महीने का खर्चा निकाल उन्हें बचत होती है.