केंद्र सरकार (Central Government) किसानों की सुविधा के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. दरअसल, किसानों को उर्वरकों (Fertilizer) की कमी ना हो, इसलिए हर साल डीएपी (DAP) , एनपीके (NPK) और यूरिया (Urea) का आयत किया जाता है. ऐसे में खरीफ सीजन 2022 (Kharif Season 2022) में किसानों को फ़र्टिलाइज़र की कमी ना पड़े, इसलिए सरकार द्वारा अब इसको स्टॉक (Fertilizer Stock) किया जायेगा.
किसानों को क्यों नहीं पड़ेगी उर्वरकों की कमी (Why farmers will not face shortage of fertilizers)
आमतौर पर, खरीफ के मौसम में बुवाई (Kharif Season Sowing Period) जुलाई के मानसून (July Monsoon) की शुरुआत के साथ शुरू होती है.
हालांकि, खरीफ सीजन (Kharif Season) के लिए उर्वरक की आवश्यकता (Fertilizer) ज्यादातर अप्रैल और सितंबर के बीच होती है.
इसलिए 2022 खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरकों की पर्याप्त और समय पर आपूर्ति हो सके इसके लिए बड़ा फैसला लिया है. जी हां, सरकार ने यूरिया और डीएपी के अच्छे खासे स्टॉक का लक्ष्य रखा है.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि "अगले सीजन के लिए वैश्विक बाजार (International Market) से उर्वरकों और कच्चे माल के स्रोत के लिए अग्रिम तैयारी की गई है. इससे यूरिया (Urea) और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) के उम्मीद से अधिक शुरुआती स्टॉक बनाए रखने में मदद मिलेगी. जिसका देश में व्यापक रूप से सेवन किया जाता है".
60 लाख टन उर्वरकों का होगा स्टॉक (There will be stock of 60 lakh tones of fertilizers)
2022 के खरीफ सीजन के लिए डीएपी का शुरुआती स्टॉक 25 लाख टन होने का अनुमान है. इसके मुक़ाबले 2021 सीजन में 14.5 लाख टन के आसपास का फ़र्टिलाइज़र स्टॉक (Fertilizer Stock) रखा गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगले खरीफ सीजन के लिए यूरिया का शुरुआती स्टॉक के साथ कुल स्टॉक 60 लाख टन हो सकता है.
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सरकारी अधिकारी ने आगे कहा कि "भारत कई देशों के साथ बातचीत कर रहा है और प्रमुख मिट्टी के पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए शीघ्र ही समझौतों की तलाश करने में जुटा है".
उर्वरकों पर सब्सिडी (Subsidy on Fertilizers)
हालांकि, सरकार ने 2021 खरीफ और मौजूदा रबी सीजन के लिए डीएपी और एनपीके उर्वरकों पर सब्सिडी (DAP and NPK Fertilizer Subsidy) अलग-अलग बढ़ा दी है ताकि किसानों को सस्ती दरों पर मिट्टी के पोषक तत्व मिल सकें. सरकार ने कंपनियों से यह भी कहा कि वे डीएपी को 1,200 रुपये प्रति बोरी 50 किलोग्राम से अधिक के भाव पर ना बेचें.