रबी के सीजन में बुवाई हेतु विभिन्न फसलों के उन्नत बीज रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में उपलब्ध हैं. इन बीजों की बुवाई कर किसान अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बुंदेलखंड की जलवायु के मद्देनजर यह बीज तैयार किए हैं.
दरअसल उत्तर प्रदेश में दलहन और तिलहन के कुल उत्पादन का 60 फीसदी हिस्सा बुंदेलखंड का है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही है. इसके लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने कदम बढ़ाएं हैं.
बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से कुलपति डॉ. अरविंद कुमार के निर्देशन में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक यहां की परिस्थति के अनुसार नए-नए शोध कर उच्च गुणवत्ता के बीज तैयार कर रहे हैं. निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह ने बताया कि उन्नत किस्म के इन बीजों को किसानों तक पहुंचाने की योजना है. कम समय और कम पानी में तैयार होने वाले उच्च गुणवत्ता के दलहन और तिलहन के बीज उपलब्ध हैं.
विकसित हुई गेहूं और चने की उन्नत किस्में
इसमें चना की आर वी जी 202, 203, जेजी 36, 14,12, जेऐकेआई 9218 प्रजाति, मसूर की आईपीएल 316 प्रजाति, हरी मटर की आईपीएफडी 10-12, सफेद मटर की आईपीएफडी 11-5, अमन, आईपीएफ 5-19 प्रजाति, सरसों की गिरिराज, एनआरसीएचवी-101, आरएच-406, 749 अलसी की पार्वती, मऊ आजाद अलसी 2 और गेहूं की डीवीडब्लयू110, एचआई 1605, 1544 एच डी 2932 और जौ की डीडब्लयूआरवी 137 प्रजाति किसानों के लिए उपलब्ध हैं. इनकी बुवाई रबी मौसम में करके अधिक उपज ली जा सकती है.
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झांसी (उत्तर प्रदेश) - 284003
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