Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 19 July, 2021 4:04 PM IST
kadaknath

किसी खास प्रोडक्टस को मिलने वाले जीआई टैग (GI Tag) के बारे में अक्सर सुना होगा. ऐसे में आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिर ये जीआई टैग क्या है?  यदि आप भी इस सवाल से जुझ रहे हैं, तो अब निश्चिन्त हो जाइए, क्योंकि इस लेख को पढ़कर जीआई टैग सम्बन्धी आपकी सारी उलझनें दूर हो जाएगी. तो आइए जानते हैं आखिर क्या होता है जीआई टैग? यह क्यों और कैसे मिलता है और इसके फायदें क्या है?

जीआई टैग (GI Tag) क्या है?

जीआई टैग का पूरा नाम जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग (Geographical Indications Tag) है जो किसी खास जगह की पहचान होता है. दरअसल, यह किसी भी प्रोडक्ट को उसकी भौगोलिक पहचान दिलाता है. रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट-1999 के तहत भारतीय संसद में जियोग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स लागू किया गया था, जो कि किसी राज्य को किसी खास भौगोलिक परिस्थितियों में पाई जाने वाली वस्तुओं के लिए विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार देता है. ऐसे में उस खास क्षेत्र के अलावा उस चीज का उत्पादन नहीं किया जा सकता है. जैसे कड़कनाथ मुर्गे के लिए मध्यप्रदेश को जीआई टैग मिला हुआ है.

कौन- सी वस्तुओं को मिलता है जीआई टैग

एग्रीकल्चर गुड्स-

इसके अंर्तगत एग्रीकल्चर उत्पाद जैसे बासमती राइस, गेहूं, हल्दी, पान, आम आदि पर जीआई टैग मिलता है. जैसे केरल का पान, सांगली की हल्दी को जीआई टैग मिला हुआ है.

हैंडीक्राफ्ट्स-

जैसे चंदेरी की खास पहचान यहां की साड़ी है, मैसूर सिल्क कर्नाटक की, कांजीवरम सिल्क तमिलनाडु, सोलापुर चादरें  महाराष्ट्र की खास पहचान है. इन सभी चीजों के लिए इन राज्यों को जीआई टैग मिल चुका है.

मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स-

इसी तरह कन्नौज के इत्र के लिए यूपी, ईस्ट इंडिया लेदर के लिए तमिलनाडु, फेनी के लिए गोवा, नाशिक वैली वाइन के लिए महाराष्ट्र को जीआई टैग मिला हुआ है. जो कि इन जगहों को ख़ास पहचान है.

खाद्य सामग्री-

झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गा के लिए मध्य प्रदेश, बीकानेरी भुजिया के लिए राजस्थान, हैदराबाद की हलीम के लिए तेलंगाना, रसगुल्ला के लिए पश्चिम बंगाल तथा तिरूपति के लड्डू के लिए आंध्र प्रदेश को जीआई टैग मिला है.

कहां आवेदन करें

जीआई टैग के लिए कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइंस एंड ट्रेड मार्क्स के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है. इसका मुख्य ऑफिस चेन्नई में स्थित है. यह संस्था आवेदन के बाद इस बात की छानबीन करती है कि यह दावा कितना सही है, इसके बाद ही जीआई टैग दिया जाता है.

कितने वर्षों की है वेलिडिटी

जीआई टैग 10 सालों के लिए मिलता है, जिसे बाद में रिन्यू कराया जा सकता है. जिन उत्पादों के लिए जीआई टैग मिलता है, उसका प्रमाणपत्र और एक लोगो सरकार द्वारा दिया जाता है. जिसका प्रयोग केवल उसी राज्य में किया जा सकता है जहां का वह उत्पाद है. जैसे कन्नौज के इत्र के लिए उत्तर प्रदेश को लोगो मिला तो इसका प्रयोग केवल यूपी के लोग ही कर कर पाएंगे.

जीआई टैग है वस्तुओं की भौगोलिक पहचान

जैसा कि आप जानते हैं कि जीआई टैग किसी भी चीज की भौगोलिक पहचान होती है. यानी वह चीज सिर्फ वहीं पैदा होती है या मिलती है. जैसे कड़कनाथ मुर्गा आज मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले की खास पहचान है. जीआई मिलने से उस चीज की मांग बढ़ जाती है. वहीं क्षेत्र के पर्यटन में भी इजाफ़ा होता है. इससे वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने में मदद मिलती है. वहीं जीआई टैग मिलने से किसी खास चीज का नकली प्रोडक्ट बेचना गैरकानूनी माना जाता है.

अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर WIPO देता है GI Tag

वर्तमान में भारत और पाकिस्तान बासमती राइस के लिए जीआई टैग लेने के लिए आमने-सामने है. अन्तर्राष्ट्रीय  स्तर पर जीआई टैग मिलने से उस वस्तु का निर्यात बढ़ जाता  है.  यहां जीआई टैग वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी आर्गेनाइजेशन ( WIPO) प्रदान करता है.  

खेती, टेक्नोलॉजी से संबंधित हर ख़बर जो  आपके लिए जानना है जरूरी, पढ़िए कृषि जागरण हिन्दी न्यूज़ पोर्टल पर.

English Summary: what is the gi tag, on how many things has india got it at the international level?
Published on: 19 July 2021, 04:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now