किसानों की उपज का सही मूल्य दिलाने के साथ भंडारण के लिए गांवों में गोदाम बनाए जाने के प्रयास तेज हैं. यह सच है कि छोटे किसानों की आर्थिक क्षमता इतनी नहीं होती कि वो बाजार में अनुकूल भाव मिलने तक अपनी उपज को अपने पास रख सकें, ना तो उनके पास अनाज रखने के लिए गोदाम होता है, ना फ़ूड वेयर हाउस जैसी कोई सुविधा.
देश में इस बात की आवश्यकता महसूस की जा रही है कि कृषक समुदाय को भंडारण की वैज्ञानिक सुविधाएं प्रदान की जाएं, ताकि उपज की हानि और क्षति रोकी जा सके, और साथ ही किसानों की ऋण संबंधी जरूरतें पूरी की जा सके.
ऐसी ही कुछ सुविधा उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को देने जा रही है. उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए 111 नए गोदाम का लोकार्पण (लॉन्चिंग) सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने किया. इसके साथ ही उन्होंने 400 नए गोदाम बनाए जाने का नीव भी रखा है. इस मौके पर उन्होंने किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए लगातार काम कर रही है.
नए गोदाम किसानों के लिए लाभदायक साबित होंगे. गोदाम की मदद से अब किसान अपनी उपज को सही सलामत रखने में सक्षम होंगे और सही समय आने पर सही मूल्य के साथ उनको बेच पाएंगे.
प्रदेश में पिछले दिनों राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत साधन सहकारी समितियों में 100-100 मीट्रिक टन क्षमता के उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड ने 39 और उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण व श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड ने 35 गोदामों का भी निर्माण किया था. जिसके तहत अब गोदामों में अनाजों का भंडारण किया जाएगा और किसानों को बड़ी राहत सरकार द्वारा दी जाएगी.
5,000 अनाज गोदाम बनाने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर, 2020 में राज्य भर में 5,000 अनाज गोदाम बनाने का ऐलान किया था. तब सरकार ने अपने बयान में कहा था कि इससे किसानों की फसल सुरक्षित तो रहेगी ही, साथ ही उन्हें उपज बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. तब प्रदेश सरकार ने कहा था कि गोदामों के निर्माण से किसानों को सही कीमत तो मिलेगी ही, इन सभी बातों पर चर्चा करते हुए यह भी कहा कि अब इसकी वजह से गांवों में रोजगार भी बढ़ेगा. किसानों में आत्म निर्भरता बढ़ेगी.
इस योजना के लिए तय हुआ 2500 करोड़ रुपए का भारी बजट
2020 अक्टूबर में योजना का ऐलान करते हुए प्रदेश सरकार ने कहा कि इन गोदामों को बनाने में लगभग 2,500 करोड़ रुपए का खर्च होगा. इन सभी गोदामों की कुल अनाज रखने की क्षमता करीब 8.60 लाख मीट्रिक टन होगी. इन गोदामों में किसानों के अनाज के साथ ही सरकार भी स्थानीय स्तर पर खरीदे गए अनाज का भंडारण भी कर सकेगी. ये गोदाम ग्राम पंचायतों और विकास खण्ड स्तर पर बनाए जाएंगे. इसका देख-रेख का काम भी ग्राम पंचायत करेगी.