देश में अभी खरीफ का सीजन अपने पीक पर है और इस सीजन में प्रमुख रुप से पैदा होने वाली फसल धान की कटाई भी शुरु हो चुकी है. लेकिन किसानों के सामने धान की कटाई करने के बाद उसे अच्छे दाम पर बेचना एक बड़ी चुनौती भरा काम होता है. जिसमें अक्सर किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन आज की ये खबर उत्तर प्रदेश, बिजनौर के बासमती धान उगाने वाले किसानों के लिए काफी सकारात्मक है, क्योंकि बिजनौर के बासमती धान को दुबई में निर्यात करने के लिए जिला प्रशासन ने एक निर्यातक को राजी कर लिया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बासमती धान की पैदावार बड़े पैमाने पर की जाती है और यहां का चावल विदेशों में निर्यात किया जाता है. लेकिन अभी तक यहां पर कोई धान से चावल निकालने का मिल नहीं था, जो भी धान उगता है उसको करनाल के मिल में ले जाया जाता है. जिसकी वजह से उतने पैमाने पर चावल नहीं निकल पाता है जितना कि निकलना चाहिए. लेकिन प्रशासन के प्रयास से अब जिले में भी उन्नत तकनीक से लैस मशीनों की चावल मिल लगेगी जिससे किसानों को धान जिले से बाहर नहीं ले जाना होगा.
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बासमती में होती हैं ये खास बातें
बासमती धान की एक बड़ी ही उम्दा किस्म है इससे निकलने वाला चावल कोमल, सुगंधित और लंबा होता है. भारत के बासमती चावल की विदेशों में खूब मांग रहती है. लेकिन विदेशी बाजार में उसी चावल को अच्छे दामों पर तभी खरीदा जाता है जोकि पूरी तरीके से साबुत हो अगर चावलों का एक भी कोना टूटा है तो बाजार में उसकी कीमत अपने- आप गिर जाती है.
किसानों को होगा इससे काफी फायदा
बिजनौर में नई तकनीक वाला चावल मिल लगने से किसानों का चावल आसानी से निर्यात हो सकेगा. जिससे किसानों को काफी फायदा होगा. इस मिल के लगने से बिचौलियों का भी खात्मा हो जाएगा.
बिजनौर में धान के रकबे की एक झलक
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बिजनौर में बासमती धान का रकबा 34 हजार हैक्टेयर है.
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जिसमें 14 हजार हैक्टेयर मोटा धान है.
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8 हजार हैक्टेयर संकर धान है.