Nand Baba Milk Mission: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौवंशों के प्रति प्रेम देखने को मिलता है. योगी सरकार गोवंशों और उनकी सुरक्षा को लेकर नई योजनाएं लाती रहती हैं. वहीं पशुपालकों और किसानों के हित में योजनाएं और अभियान चलाए जाते रहे हैं. इसी क्रम में सीएम योगी ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना (Swadeshi Cow Promotion Scheme) शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि यूपी के गौ पालकों की आय बढ़ सके, पशुपालन में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. इसके अलावा दूसरे प्रदेशों से स्वदेशी नस्लों की गायों के प्रति गौ पालकों का रुझान बढ़ाया जा सके. साथ ही साथ दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हो सके. वहीं योजना को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है. शासनादेश में इस योजना से संबंधित पात्रता, सब्सिडी के मानक, उद्देश्य और स्वरुप को स्पष्ट रुप से दिया गया है.
इन गायों को खरीदने पर पाएं सब्सिडी (Subsidy)
मुख्यमंत्री स्वदेशी योजना के अनुसार गौ पालकों को दूसरे प्रदेशों से साहिवाल, थारपारकर, गिर एवं संकर प्रजाति की गाय खरीदने पर उन्हें ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस समेत अन्य सामानों पर खर्च होने वाली धनराशि पर सब्सिडी देगी. गौ पालकों को यह सब्सिडी दो स्वदेशी नस्ल की गायों को खरीदने पर मिलेगी. यह सब्सिडी गौ पालकों को कुल व्यय धनराशि का 40 प्रतिशत यानी 80 हजार रुपये दी जाएगी. सबसे पहले यह योजना केवल उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों के मुख्यालय के जिलों में लागू की जाएगी. इसके बाद पूरे प्रदेश के जनपदों में लागू की जाएगी.
‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ (Nand Baba Milk Mission)
अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे का कहना है कि, ‘नन्द बाबा मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की गई है. इसका उद्देश्य केवल मात्र है प्रदेश में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की संख्या और उनकी नस्ल को बढ़ाना. ताकि प्रदेश में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके. और प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बन सके. इसके साथ ही प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के युवाओं और महिलाओं को पशुपालन व्यवसाय के लिए प्रेरित कर एवं उन्हें रोजगार उपलब्ध करा सकें. दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना का लाभ उठाने के लिए गौ पालक को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय को खरीदना होगा.
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ये बीमा हैं जरुरी
वहीं इस योजना पर मुख्य विकास अधिकारी जल्दी ही एक अनुमति पत्र जारी करेंगे. जिसमें लाभार्थी को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए जारी करेगी ताकि गो पालाक या लाभार्थी को गायों के परिवहन में किसी भी प्रकार की समस्या न खड़ी हो. इसके अलावा दो स्वदेशी गायों का 3 साल का पशु बीमा एकमुश्त कराना आवश्यक है. वहीं दूसरे प्रदेश से अपने प्रदेश में गाय को लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना जरुरी है.
इन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना(UP Swadeshi Gau Samvardhan Yojana 2023) के तहत लाभार्थियों को सब्सिडी गाय की खरीद, ट्रांसपोर्टेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस, 3 साल का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव की व्यवस्था व शेड के निर्माण पर दी जाएगी. विभाग की ओर से इन सभी सामानों में गौ पालक का खर्च दो स्वदेशी नस्ल की गायों के लिए 2 लाख रुपये माना गया है, जिसका 40 प्रतिशत यानी अधिकतम 80 हजार रुपये सब्सिडी के रूप में दिये जाएंगे.
गौ पालको को करना होगा ये काम
मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना (Swadeshi Gau Samvardhan Yojana) का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी या गौ पालक के पास गौ पालन के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिये. आपकों बता दें कि लाभार्थी या गौ पालकों के पास पहले से 2 से अधिक स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायें नहीं होने चाहिए. इस योजना में 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों एवं पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि 50 प्रतिशत में अन्य वर्ग के लाभार्थी शामिल हैं.