धान की इस किस्म से किसानों को मिल रहा जबरदस्त फायदा, 110 दिनों में होती है तैयार, प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता 32 क्विंटल तक! बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद, किसान गौरव पंवार की मदद को आगे आए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान, मिलेगा मुआवजा Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 20 May, 2025 4:22 PM IST
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि विश्वविद्यालयों के वार्षिक सम्मेलन का किया शुभारंभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पूसा, दिल्ली स्थित सुब्रमण्यम सभागार में आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) संस्थानों के निदेशकों और देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ किया. इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक, एवं कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

इस अवसर पर मंत्री चौहान ने आईसीएआर को कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार का मंदिर बताते हुए कहा, "अगर यह भवन मंदिर है तो इसका भगवान किसान है और हम सभी उसके पुजारी हैं." उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान और कृषि विश्वविद्यालयों की मेहनत और समर्पण की बदौलत देश ने खाद्य सुरक्षा की दिशा में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं.

किसानों के लिए सरकार की प्राथमिकता

चौहान ने कहा कि सरकार का मंत्र है कि हर नागरिक को दिन में दो बार भरपेट पोषणयुक्त भोजन मिले. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक समय देश को अमेरिका से PL-480 के तहत निम्न गुणवत्ता वाला गेहूं आयात करना पड़ता था, लेकिन आज भारत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज दे रहा है. यह परिवर्तन कृषि वैज्ञानिकों, किसानों और सरकार की संयुक्त मेहनत का नतीजा है.

विकसित कृषि और समृद्ध किसान

सम्मेलन में अपने उद्बोधन में चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के विज़न का उल्लेख करते हुए कहा, "यह मेरे लिए एक मंत्र है. अगर भारत को विकसित बनाना है तो हमें विकसित कृषि और समृद्ध किसान की दिशा में काम करना होगा." उन्होंने बताया कि वे 25 और 26 मई को पदयात्रा करेंगे ताकि आम लोगों से सीधा संवाद किया जा सके. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है भारत को 'फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड' बनाना, साथ ही किसानों की आय और जीवन स्तर को बेहतर करना.

एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम

केंद्रीय मंत्री ने कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए छह प्रमुख बिंदुओं पर काम करने की रणनीति साझा की:

  • उत्पादन बढ़ाना
  • प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि
  • उत्पादन लागत में कमी
  • फसलों के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना
  • फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना

प्राकृतिक खेती और कृषि का विविधीकरण

उन्होंने कहा कि अब जरूरी है कि अनुसंधान प्रयोगशालाओं से निकलकर खेतों तक पहुंचे. "अगर लैब में शोध हो और लैंड में उसका असर न दिखे, तो उसका कोई लाभ नहीं." चौहान ने कहा कि अनुसंधान की दिशा खेत और किसान तय करेंगे, और इसी खरीफ सीजन से परिणाम दिखने चाहिए.

कृषि शिक्षा हो व्यावहारिक, स्टार्टअप से हो जुड़ाव

कृषि शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने पूछा कि कृषि की पढ़ाई करने वाले कितने छात्र आज एग्रो स्टार्टअप्स में जुड़े हैं? उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को इस बात का मूल्यांकन करना चाहिए कि उनकी शिक्षा कितनी व्यावहारिक और परिणाममूलक है. साथ ही उन्होंने सभी कृषि विश्वविद्यालयों को मोबाइल ऐप्स और हेल्पलाइन शुरू करने की सलाह दी जिससे किसान सीधे संपर्क कर सकें.

धरती कैसे बचे अगली पीढ़ियों के लिए?

मंत्री चौहान ने चिंता जताई कि आज के कृषि तरीकों, विशेषकर कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के अनियंत्रित प्रयोग से मिट्टी की सेहत बिगड़ रही है. उन्होंने सभी वैज्ञानिकों, विश्वविद्यालयों और केंद्र व राज्य सरकारों से अपील की कि वे एकजुट होकर धरती के संरक्षण के लिए काम करें.

आधुनिक और परंपरागत ज्ञान का समन्वय आवश्यक

कृषि मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान और किसानों के पारंपरिक अनुभव का समावेश करना होगा. उन्होंने कहा, "कई बार किसान व्यावहारिक रूप से ज्यादा जानता है. इसलिए हमें दोनों तरह के ज्ञान का संगम बनाना चाहिए." उन्होंने सभी वाइस चांसलर्स से आग्रह किया कि वे दो-तीन बेस्ट प्रैक्टिस साझा करें ताकि देशभर के विश्वविद्यालयों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल बने और निरंतर सुधार होता रहे.

हमारा रिपोर्ट कार्ड तैयार हो

सम्मेलन के अंत में चौहान ने सभी अधिकारियों से कहा कि वे इस सम्मेलन के बाद ठोस कार्य योजना बनाएं और अगली बैठक में रिपोर्ट कार्ड के साथ आएं. उन्होंने कहा, "केवल बैठक करके हम संतुष्ट न हों, बल्कि तय किए गए लक्ष्यों को हासिल कर दिखाएं."

English Summary: Union minister shivraj singh chouhan inaugurates icar annual conference focuses on agricultural reforms
Published on: 20 May 2025, 04:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now