संयुक्त राष्ट्र और इटली सरकार द्वारा 3 दिवसीय खाद्य प्रणाली-पूर्व शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. यह सम्मेलन 25 से 28 जुलाई तक आयोजित हुआ. इस सम्मेलन को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे द्वारा वर्चुअली संबोधित किया गया. इस दौरान भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के लिए उठाए गए अहम फैसलों की चर्चा की गई.
क्या है संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली-पूर्व शिखर सम्मेलन
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन का आह्वान विश्व में कृषि-खाद्य प्रणालियों में सकारात्मक बदलाव की रूपरेखा बनाने के लिए आयोजित किया जाता है. इस साल के सम्मेलन में साल 2030 के सतत विकास के लक्ष्य पर चर्चा की गई. इस शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर और विश्व स्तर पर खाद्य प्रणालियों को आकार देने के तौर-तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है. इसके साथ ही शिखर सम्मेलन-2021 को भी अनिवार्य रूप से भागीदारी और परामर्शी बनाने की योजना है.
शिखर सम्मेलन को कृषि मंत्री ने किया संबोधित
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने, बेरोजगारी दूर करने, फसलोपरांत अवसंरचना विकास जैसी अनेक सशक्त प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही छोटे व सीमांत किसानों पर ध्यान दिया जा रहा है. हमारी सरकार खेती को लाभकारी बनाने के लिए एक के बाद एक ठोस कदम उठा रही है. भारत में कृषि क्षेत्र ने कोरोना महामारी के संकट में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. इस दौरान खाद्यान्न व बागवानी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है. इसके अलावा, कृषि निर्यात भी नई बुलंदियों को छू रहा है. इस तरह भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी श्रेष्ठ योगदान दे रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अब भारत सरकार उत्पादकता बढ़ाने, खेतों तक इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं और किसानों व खरीदारों को एकीकृत राष्ट्रीय बाजार देने पर ध्यान दे रही है. इसके लिए फार्म गेट व कृषि विपणन अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का एग्री इंफ्रा फंड भी तय किया गया है. इतना ही नहीं, भारत के किसानों को सालाना डीबीटी द्वारा पीएम किसान योजना की राशि भी भेजी जाती है.
शिखर सम्मेलन को राज्य मंत्री ने किया संबोधित
कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि भारत न केवल कृषि खाद्य प्रणाली को सतत व्यवस्था में तब्दील करने के लिए प्रयास कर रहा है, बल्कि किसानों की आर्थिक मदद भी कर रहा है. इसके साथ ही ग्रामीण आय में सुधार लाने के साथ अल्प पोषण व कुपोषण जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए भी उपाय किए हैं. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों को धन्यवाद किया कि उन्होंने भारत द्वारा भेजे गए साल 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ के रूप में मनाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया.
जानकारी के लिए बता दें कि संयुक्त राष्ट्र और इटली सरकार द्वारा 3 दिवसीय खाद्य प्रणाली-पूर्व शिखर सम्मेलन में कृषि-खाद्य प्रणाली को स्वस्थ और भरोसेमंद व्यवस्था में बदलने को लेकर चर्चा की. इसके साथ ही सतत विकास लक्ष्य 2030 को प्राप्त करने पर चर्चा हुई.