भारत हमेशा से ही पुरुष प्रधान समाज रहा है, जिसके कारण हर कार्य के लिए पुरुषों को ही अव्वल समझा जाता है. फिर चाहे, वो खेती ही क्यों ना हो. यहां पर केवल पुरुष किसानों को ज्यादा अहमियत मिलती है, लेकिन अब यह प्रथा धीरे-धीरे टूटती नजर आ रही है.
हमारे देश की महिलाएं पढ़ाई से लेकर खेलकूद, नौकरी में अपना मुकाम हासिल कर रही हैं. ऐसे ही केरल की कोच्चि की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उन्हें ट्रैक्टर चलाने की ट्रैनिंग दी जा रही है. जिसके बाद महिला भी कृषि क्षेत्र में आगे आकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर पाएंगी.
ट्रैक्टर प्रशिक्षण सत्र
आपको बता दें कि केरल के कोच्चि के मुलनथुरुथी गांव की पंचायत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही खेती के लिए ट्रैक्टर को इस्तेमाल करने के उपाय बताए जा रहे हैं.
गांव में 8 दिवसीय प्रशिक्षण सत्र शुरू किया है. केंद्र के 'महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना' कार्यक्रम के तहत ट्रैक्टर चलाने की बारीकियां बताई जा रही हैं.
महिलाएं ले रही बढ़ चढ़कर का हिस्सा
क्षेत्र की महिलाएं इस प्रशिक्षण कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. आखिर ले भी क्यों ना, जहां बात हो महिलाओं को प्रशिक्षित करने की तो महिलाओं की भागीदारी बड़ी संख्या में देखी जाती है.
यह भी पढ़ें : Good News: किसानों के हित में बड़ा फैसला, ब्याज पर मिलेगी 1.5 फीसदी की छूट
प्रशिक्षण मिलने के बाद महिलाएं आत्मनिर्भर तो बनेंगी, साथ में ट्रैक्टर चलाना सीखने के बाद अपनी फसल को बाजार तक ट्रैक्टर में लादकर ले जा सकती हैं. अब उन्हें केवल अपने घर के पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.