दिल्ली की सीमाओं पर विगत चार माह से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने कल यानी की 26 मार्च को 'भारत बंद' का ऐलान किया है. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार हमारी मांगों को सुनकर भी अनसुना कर रही है, लिहाजा सरकार तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए हम कल भारत बंद करने जा रहे हैं.
दिल्ली की सीमाओं पर विगत चार माह से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने कल यानी की 26 मार्च को 'भारत बंद' का ऐलान किया है. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार हमारी मांगों को सुनकर भी अनसुना कर रही है, लिहाजा सरकार तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए हम कल भारत बंद करने जा रहे हैं.
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किसानों ने फिर किया भारत बंद का ऐलान, जानिए इससे जुड़ी अहम बातें
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के आंदोलन में तेजी लाने के लिए एक नई रणनीति तैयार की जा रही है. दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan…
इस संदर्भ में किसान नेताओं ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आज ही आप लोग दूध सहित अन्य आवश्यक चीजें खरीद लें, चूंकि कल भारत बंद होने जा रहा है. हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी, ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो. किसान नेताओं ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हमारे इस आंदोलन से किसी को भी कोई परेशान न हो.
यहां हम आपको बताते चले कि इससे पहले भी किसान नेता भारत बंद का ऐलान कर अपनी बातों को हुकूमत तक पहुंचाने की नाकाम कोशिशें कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है. जैसा की सर्वविदित है कि इस कृषि कानूनों को लेकर मत भिन्नित अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है. एक ओर जहां सरकार इसे किसानों के हित में बता रही है, तो वहीं दूसरी तरफ किसान इसे अपने लिए अहितकर मान रहे हैं. उधर, अब किसानों के बीच भी इस कानून को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं. आप कह सकते है कि किसानों के बीच अब इस कानून को लेकर यूं समझिए की गिरोहबाजी शुरू हो चुकी है. वो इसलिए, क्योंकि कुछ किसान ऐसे हैं, जो सरकार के इस कानून का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ किसान ऐसे हैं, जो इस कानून का विरोध कर रहे हैं. अब ऐसे में किसी भी अंतिम स्थिति पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है.
कमोजर पड़ गया था आंदोलन, लेकिन फिर..
गौरतलब है कि बीते दिनों हुए किसान आंदोलन में ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह की हिंसा देखने को मिली थी, उससे व्यथित किसान इस आंदोलन से विमुख होकर अपने-अपने घरों की ओर रूखसत होने पर आमादा हो चुके थे, लेकिन अपने आंसुओं की बहती धाराओं से आंदोलन को पुनर्जीवित करने वाले राकेश टिकैत ने यूं समझिए की इस आंदोलन को फिर से जिंदा कर दिया.
बेशक, अभी किसानों की संख्या आंदोलन स्थल पर कम हो रही हो, लेकिन किसानों का आंदोलन के प्रति रूझान अभी खत्म नहीं हुआ है. इसी कड़ी में कल यानी की 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया गया है. अब ऐसे में यह आंदोलन कितना सफल होता है और कितना नहीं? यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही तय करेगा.
English Summary: tomorrow farmers called a Bharat BandPublished on: 25 March 2021, 12:21 PM ISTMore on this section
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