Hybrid Varieties: पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी यानि पीएयू (PAU) ने टमाटर की दो संकर किस्मों (Tomato Hybrid Varieties) टीएच-1 (TH-1) और पीटीएच-2 (PTH-2) के व्यावसायीकरण के लिए मध्य प्रदेश स्थित कंपनी खजुराहो सीड्स प्राइवेट लिमिटेड (KSPL), भोपाल के साथ एक समझौता (MOU) किया है. डॉ. अजमेर सिंह धट्ट (डायरेक्टर खजुराहो सीड्स प्राइवेट लिमिटेड) और पीएयू और संबंधित फर्म के निक्के नवीन साहू ने समझौते की शर्तों पर हस्ताक्षर किए.
एडिशनल डायरेक्टर रिसर्च डॉ. गुरसाहिब सिंह मानेस और एसोसिएट डायरेक्टर टेक्नोलॉजी मार्केटिंग सेल डॉ. खुशदीप धरनी, सब्जी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों और सब्जी प्रजनक डॉ. एस.के. जिंदल को बधाई दी. डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों ने कहा कि पीएयू (PAU) की सब्जियों की किस्मों और संकर किस्मों की भारी मांग है. यह मांग सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में पाई जाती है.
डॉ. तरसेम सिंह ढिल्लों ने यह भी बताया कि पीएयू द्वारा विभिन्न प्रकार की सब्जियों के लिए अब तक किए गए समझौते साझेदारी के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सब्जियों की विभिन्न किस्मों और संकर किस्मों के लिए कंपनियों, फर्मों और प्रगतिशील किसानों के साथ अब तक 57 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
टमाटर की किस्म कितनी देती है उपज
इस अवसर पर जिंदल ने कहा कि टीएच-1 टमाटर की अधिक उपज देने वाली संकर किस्म है. इसकी उपज लगभग 245 क्विंटल प्रति एकड़ होती है. इस किस्म के फल गहरे लाल, गोल और औसत वजन 70-75 ग्राम के होते हैं. लंबी शेल्फ लाइफ के कारण इस किस्म को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान है.
उन्होंने बताया कि पीटीएच-2 की औसत उपज 270 क्विंटल प्रति एकड़ है. यह किस्म झुलसा एवं जड़ गांठ रोग के प्रति प्रतिरोधी है. इस किस्म के फल गोल, गहरे लाल रंग के होते हैं और इनका औसत वजन 75-80 ग्राम होता है.
इस किस्म में 4.2 प्रतिशत टीएसएस और 4.7 प्रतिशत लाइकोपीन होता है. यह किस्म प्रसंस्करण के लिए भी उपयुक्त है. डॉ. खुशदीप धरनी ने कहा कि पी.ए.यू. विभिन्न प्रौद्योगिकियों के विस्तार के लिए अब तक 330 समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है. इस खबर का स्रोत पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU).