जैसे-जैसे अप्रैल माह समाप्ति की ओर है, वैसे-वैसे गर्मी का रूप विकराल होता जा रहा है. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक मई में पारा 47 डिग्री को पार कर सकता है. ऐसे में स्वयं के साथ-साथ फसलों की सेहत का ख्याल रखा जाना भी जरूरी है. आपको पता ही है कि गर्मियों का असर पौधों एवं फसलों पर भी पड़ता है, जिस कारण सिंचाई का खर्च बढ़ जाता है.
वर्तमान में रबी की फसलों में गेहूं की फसल कट रही है या कट चुकी है, जिसके लिए ये मौसम अच्छा भी है, लेकिन जायद की फसलों के लिए अधिक गर्मी का होना सही नहीं है. विशेषकर उड़द, मूंग, मेंथा, मक्का और गन्ने पर तेज गर्म हवाओं का खराब असर पड़ता है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अपनी फसलों को गर्मी के प्रकोप से बचा सकते हैं.
हरी सब्जियों समेत मूंगफली, मक्का, बाजरा, उरद, मूंग आदि को तेज चिलचिलाती धूप से बचाने की जरूरत होती है. हीटवेव के कारण ये फसले जल सकती है. वहीं तेज लू के कारण फसलों की कटाई और मड़ाई में किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे करें फसलों की रक्षा (How to protect crops)
उरद व मूंग की फसलों को गर्मी से बचाने के लिए सिंचाई बहुत अधिक न करें. ध्यान रहे कि सिंचाई के बाद खेतों में पानी नहीं रहना चाहिए. वैसे बेहतर तो यही होगा कि सिंचाई का काम सूर्यास्त के बाद ही किया जाए.
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मिट्टी को बनाए रखें भूरभूरा (Keep the soil brown)
इन फसलों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए खेतों की निराई, गुड़ाई करते रहें, जिससे मिट्टी भुरभुरी बनी रहे और नमी संरक्षित रहे.
अगर आप आम, नीबू और पपीते की खेती करते हैं तो सिंचाई का काम तेज धूप में न करें. इन पौधों को गर्मी से बचाने के लिए छाया (प्लांट शेड) प्रदान करें. अगर आपके पास पशु हैं तो उन्हें हैंडपंप का ताजा व स्वच्छ पेयजल ही पिलाएं और दिन के समय उन्हें छायेदार जगह पर ही बांधें.