Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 10 September, 2020 5:45 PM IST

अगर आप उत्तर प्रदेश के निलासी हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. अक्सर कृषि भूमि में घर बनाने, कर्ज लेने, नक्शा पास कराने या फिर उद्योग लगाने के लिए महीनों तक तहसील के चक्कर काटने पड़ते हैं. मगर ऐसा नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इसके लिए राज्य सरकार ने राजस्व संहिता के नियमों में बदलाव संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है. अब से तहसील के एसडीएम को सिर्फ 45 दिन के अंदर कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन पर निर्णय करना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है, तो स्वत: अनुमति मान ली जाएगी.

आपको बता दें कि राज्य में कृषि भूमि में घर बनाने, घर बनाने के लिए कर्ज लेने, नक्शा पास कराने, उद्योग लगाने, होटल बनाने समेत अन्य कारोबार करने के लिए तहसील के उपजिलाधिकारी की अनुमति लेनी पड़ती है. बैंक, वित्तीय संस्थाएं और प्राधिकरण बिना भू-उपयोग परिवर्तन के ऐसे कार्य को आगे नहीं बढ़ाते हैं. राज्य में जैसे-जैसे औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वैसे-वैसे कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अधिकतर विकासकर्ता, निवेशक, किसान और आम लोग शिकायत कर रहे हैं कि राजस्व अधिकारी लंबे समय तक ऐसे मामलों में फैसला नहीं लेते हैं. उन्हें महीनों तक दौड़ाया जाता है. इतना ही नहीं, उन्हें कई बार शोषण का भी शिकार होना पड़ता है. इस तरह निवेशकों, प्राइवेट प्लेयर्स के साथ आम लोगों में सरकार की छवि खराब होती जा रही है.  

ये खबर भी पढ़े: PM Fasal Bima Yojana: 16 सितंबर को एक बटन दबाने से किसानों के खातों में पहुंचेंगे 4,688 करोड़ रुपए, 20 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

इस स्थिति को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन के लिए पारदर्शी प्रक्रिया की पहल की गई है. इस निर्देश के मुताबिक आवेदन पर 45 दिन में निर्णय लेना अनिवार्य है. अब एसडीएम को तय समय में आवेदन की जांच करनी होगी, साथ ही भू-उपयोग परिवर्तन पर निर्णय लेना होगा. अगर वह आवेदन निरस्त करता है, तो उसका स्पष्ट लिखित कारण देना होगा.

ऐसे हो रहा है असर

  • राज्य में भू-उपयोग परिवर्तन के हजारों मामले लंबित बताए जा रहे हैं. ऐसे सभी आवेदनों का 45 दिन के भीतर निपटारा करना होगा.

  • निवेशक औद्योगिक इकाइयों के लिए किसानों से सीधे भूमि लेने का प्रयास कर रहे हैं.

  • तय समय सीमा में भू-उपयोग परिवर्तन से निजी प्रोजेक्ट में तेजी आ पाएगी.

  • औद्योगिक गलियारों और नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भूमि लेने की कार्यवाही भी चल रही है.

  • तय समय सीमा में फैसला लेने से उद्योगों के लिए जल्द जमीन उपलब्ध हो सकेगी.

  • स्थानीय स्तर पर रोजगार और कारोबार शुरू करने के लिए लोग आगे आ रहे हैं.

ये खबर भी पढ़े: बांस उद्योग और किसानों को नई पहचान देने के लिए 9 राज्य में बनाए जाएंगे 22 बम्बू क्लस्टर, राष्ट्रीय बांस मिशन का लोगो भी हुआ जारी

English Summary: The UP government made major changes in the Revenue Code
Published on: 10 September 2020, 05:49 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now