जहां एक तरफ पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम लोगों की जेब दिन पर दिन खाली करते जा रहे हैं. वहीं अब देश में नींबू ने भी लोगों को रूलाना शुरू कर दिया है. आपको बता दें कि बाजार में अब नींबू की मांग अपने चरम स्तर पर पहुंच गई है. जहां किसान पहले नींबू के भंडारण को कोल्ड स्टोर करके रखते थे, वहीं इस बार किसान भाइयों को नींबू की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
इस विषय में किसानों को कहना है, कि पिछले साल के मानसून के अच्छे रहने के कारण नींबू की फसल भी अच्छी रही. लेकिन सितंबर-अक्टूबर के महीने में भारी बारिश के कारण इस बार नींबू के फूल सही से नहीं खिल पाए, जिससे नींबू की पैदावार बहुत कम हुई है.
देशभर में महंगा हुआ ट्रांसपोर्ट (Transport became expensive across the country)
जैसे कि आप सब लोग जानते हैं. देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें (Petrol-Diesel Prices) आसमान छू रही है, जिसके चलते देश में ट्रांसपोर्ट की लागत में भी वृद्धि हो गई है और इसका असर सीधे मंडी में देखने को मिल रहा है. मंडी में सब्जियों और फलों के दाम (Price of vegetables and fruits in Mandi) बढ़ गए हैं. देखा जाए तो किसानों से लेकर मंडियों, बाजार व लोगों के घरों तक सभी ट्रांसपोर्ट के खर्च में वृद्धि हो गई है, जिसके कारण बाजार में फल और सब्जियों की कीमतों (fruits and vegetables prices) में वृद्धि देखने को मिल रही है. बाजार में इस समय हालात ऐसे हैं, कि लोगों को एक से दो नींबू खरीदने के लिए 10 से 15 रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं.
बाजार में नींबू की सप्लाई (lemon supply in the market)
बाजार में सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मंडी में नींबू महंगा मिल रहा है और वहीं दूसरी तरफ सभी ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ गया है, जिसके कारण बाजार में नींबू की कीमत (lemon price) बढ़ गई है. इस बार की गर्मी में नींबू की मांग सबसे अधिक बढ़ी है.
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मांग के मुकाबले इसकी सप्लाई में बहुत कमी है. देखा जाए तो देश के कई इलाकों में अभी भी हीटवेव जैसी स्थिति बनी हुई है, जिसके कारण नींबू की डिमांड प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. मंडी के विक्रेताओं का यह भी कहना है, कि हाल ही में देश में कई बड़े त्योहार भी आए हैं, जिसमें नींबू का इस्तेमाल अधिक किया जाता है. इसके कारण भी नींबू के दाम आसमान छू रहे हैं.
कब घटेंगे नींबू के दाम ? (When will the price of lemons decrease?)
किसान व व्यापारियों का कहना है कि इस समय नींबू की कोई भी फसल नहीं आ रही है, लेकिन किसानों का यह भी कहना है कि अभी खेतों में अंबे बहार की फसल (ambe bahar crop) नहीं आए है, यह फसल बहुत ही जल्दी आने वाली है, बता दें कि यह फसल अक्टूबर के बाद ही मंडी में आएगी. इसके बाद ही आपको नींबू के दाम (lemon price) में गिरावट देखने को मिल सकती है.