Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 27 February, 2021 3:04 PM IST
Jharkhand Government

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/MNREGA) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है. इसके तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है. इसी कड़ी में झारखंड सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MNREGA) के तहत काम करने वाले मजदूरों को एक खास तोहफा दिया है.

दरअसल, झारखड सरकार द्वारा मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी को बढ़ा दिया गया है. अब मनरेगा में 194 रुपए की जगह 225 रुपए न्यूनतम मजदूरी कर दी है. इसका लाभ झारखंड में सक्रिय 42 लाख मजदूरों को मिल पाएगा, लेकिन अब भी मनरेगा मजदूरों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी भुगतान के मामले में काफी पीछे है. बता दें कि देश में सबसे ज्यादा हरियाणा में मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दी जाती है. यहां 309 रुपए की दर से भुगतान दिया जाता है.

झारखंड में मनरेगा

  • कुल मजदूर- 105.38 लाख

  • एक्टिव मजदूर- 42.23 लाख

  • कुल जाब कार्ड- 63.97 लाख

  • कुल एक्टिव जाब कार्ड- 32.47 लाख

  • न्यूनतम मजदूर- 194 रुपए (पहले)

आपको बता दें कि झारखंड सरकार के इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है. महंगाई के दौर में 31 रुपए की वृद्धि कुछ नहीं है, लेकिन फिर भी वृद्धि करना अहम बात है, इसलिए राज्य सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. अब मनरेगा में काम करने वालों को रोजाना 225 रुपए का भुगतान किया जाएगा. इससे झारखंड के गांव-देहात में मनरेगा के प्रति मजदूरों का आकर्षण बढ़ पाएगा.

बता दें कि मनरेगा की असल समस्या फंड का अभाव है. कोरोना महामारी की वजह से गांव-देहात में मजदूरों की संख्या काफी बढ़ गई है, क्योंकि कई शहरों के मजदूर अपने-अपने गांव लौट आए हैं. ऐसे में उन्हें रोजी-रोजगार की जरूरत है, इसलिए वह मनरेगा के तहत काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अब भी मनरेगा के तहत 100 दिन की रोजगार नहीं मिल रही है. इसका कारण यह है कि सरकार की तरफ से फंड मुहैया नहीं हो पा रहा है. इस पर सरकार को खास ध्यान देना होगा.

English Summary: The Jharkhand government has changed the MGNREGA wages from Rs 194 to Rs 225
Published on: 27 February 2021, 03:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now