अगर आप छत्तीसगढ़ में निवास करते हैं और वहां खेती करते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) जल्द ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Kisan Nyay Yojana) की चौथी किस्त जारी करने वाले हैं. इस योजना के तहत किस्त में 1 हजार 104 करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा.
कब जारी होगी किस्त
धान उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Kisan Nyay Yojana) के तहत 21 मार्च को किस्त जारी की जाएगी. राज्य सरकार पिछली 3 किस्त जारी कर चुकी है, जिसमें 4500 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. इसके साथ ही राज्य के प्रमाणित बीज उत्पादक किसानों को 23 करोड़ 62 लाख रुपए दिए जा चुके हैं. इस श्रेणी में 4 हजार 777 किसान आते हैं. इसके अलावा 34 हजार 292 गन्ना उत्पादकों को 74 करोड़ 24 लाख का भुगतान हो चुका है. इस योजना के तहत सभी किसानों को 5 हजार 702 करोड़ 13 लाख रुपए का भुगतान किया जाना था. इसमें से 4 हजार 597 करोड़ 86 लाख रुपए दिए जा चुके हैं.
क्या है राजीव गांधी किसान न्याय योजना
राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Kisan Nyay Yojana) 21 मई 2020 में शुरू की गई. इसके तहत धान के अलावा 13 अन्य फसलों को प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की दर से आदान सहायता प्रदान करती है. बता दें कि खरीफ सत्र 2018-19 में धान के एमएसपी पर अतिरिक्त राशि जोड़कर किसानों को 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया गया था.
केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 में एमएसपी पर धान खरीदी के लिए कोई भी बोनस नहीं देने की शर्त लगाई थी, इसलिए राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Kisan Nyay Yojana) के तहत आदान सहायता देना शुरू किया. किसानों ने खरीफ सीजन 2019 में जितना धान एमएसपी पर बेचा था, उसके क्षेत्रफल के आधार पर अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दी जाती है. राज्य के 9.54 लाख सीमांत किसान, 5.60 लाख लघु किसान और 3.21 लाख बड़े किसानों समेत कुल 18.38 लाख किसानों के बैंक खाते में राशि भेजी जाती है.
इन फसलों पर मिलता है न्याय
इस योजना के तहत कुल 14 फसल शामिल हैं. इसमें अधिकतर खरीफ सीजन की फसलें हैं, जिसमें मक्का, धान, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी, रागी और गन्ना की फसल शामिल है.
बता दें कि गन्ने का घोषित मूल्य 261 रुपए प्रति क्विंटल है, जिस पर आदान सहायता राशि 93.75 रुपए की दर से तय की गई है. इस तरह गन्ना उत्पादक किसानों को प्रति क्विंटल 355 रुपए की कीमत मिल जाती है.