कभी मौसम की मार तो कभी गिरते दाम किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर देते है.ऐसा ही एक मामला आंध्र प्रदेश और तेलंगना से है जहां बदलते मौसम ने किसानों को मिर्च की फसल में काफी नुकसान पहुंचाया है. जिस वजह से किसानों के ऊपर संकट के बादल छाये हुए हैं.ऐसे में किसान करें तो क्या करें ?
बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार इस राज्य में मिर्च की फसल पर कुछ जगहों पर कीटों (Insect) और कुछ जगहों पर फंगस का बुरा प्रभाव पड़ रहा है.जिस वजह से किसानों की आर्थिक स्तिथि भी काफी प्रभावित हो रही है.इस होते नुकसान की वजह से किसानों का गुस्सा सर के ऊपर चड़ने लगा है.इसके साथ ही अपनी बाकि की बची हुई फसल को नुकसान से बचाने हेतु कई जिलों में प्रभावित फसल को किसानों ने उखाड़कर फैंक दिया या फिर पूरे खेत में ट्रैक्टर चलवा रहे हैं.
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कितनी फसल हुई बर्बाद (How Much Crop Wasted)
मिली जानकारी के अनुसार इस सीजन में लगभग 5 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती प्रभावित हुई है.दोनों राज्यों में किसानों को करीब तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.इस वजह से किसानों के सामने अब यह सवाल उठ रहा है कि उनकी इस नुकसान का भरपाई कैसे होगी.
किसान हुए परेशान (Farmers Were Upset)
दोनों राज्यों के किसान को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, किसानों के पास उनकी लगी फसल में लग रहे कीट और रोगों से बचाव के लिए उनके पास ऐसा कोई कीटनाशक उपलब्ध नहीं है जो वर्तमान कीट महामारी को कंट्रोल कर सके.इससे पहले मिर्च थ्रिप्स और चावल को प्रभावित करने वाले कीटों पर जिन कीटनाशकों (Pesticides) से नियंत्रण पाया गया था, उनमें से फोसालोन (Phosalone) और डीडीवीपी (DDVP) नामक एग्रो केमिकल को पहले से ही बैन कर दिया गया है.
मिर्च की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग (Major Diseases Of Chilli Crop)
थ्रिप्स (Thrips)
यह मिर्च की फसल में लगने वाला एक प्रकार का रोग है, जो पौधे की पत्तियों तथा अन्य कोमल हिस्से को नुकसान पहुंचाता है.यह इन हिस्सों का रस चूस लेता है, जिससे पत्तियां नाव की तरह मुड़ जाती हैं.
माइट (mite)
यह भी एक प्रकार कीट है जो मिर्च की फसल की पत्तियों की सतह से रस चूसता है जिसके कारण पत्तियां नीचे की तरफ मूड़ जाती है.