Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 16 December, 2021 12:44 PM IST
Chilly Cultivation

कभी मौसम की मार तो कभी गिरते दाम किसानों के लिए परेशानी खड़ी कर देते  है.ऐसा ही एक मामला आंध्र प्रदेश और तेलंगना से है जहां बदलते मौसम ने किसानों को मिर्च की फसल में काफी नुकसान पहुंचाया है. जिस वजह से किसानों के ऊपर संकट के बादल छाये हुए हैं.ऐसे में किसान करें तो क्या करें ?

बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार इस राज्य में मिर्च की फसल पर कुछ जगहों पर कीटों (Insect) और कुछ जगहों पर फंगस का बुरा प्रभाव पड़ रहा है.जिस वजह से किसानों की आर्थिक स्तिथि भी काफी प्रभावित हो रही है.इस होते नुकसान की वजह से किसानों का गुस्सा सर के ऊपर चड़ने लगा है.इसके साथ ही अपनी बाकि की बची हुई फसल को नुकसान से  बचाने  हेतु कई जिलों में प्रभावित फसल को किसानों ने उखाड़कर फैंक दिया या फिर पूरे खेत में ट्रैक्टर चलवा रहे हैं.

इस खबर को भी पढ़ें -  Agri Business Idea: हर माह कमाना चाहते हैं अच्छा पैसा, तो मिर्च की खेती कर कमाएं मुनाफा

कितनी फसल हुई बर्बाद  (How Much Crop Wasted)

मिली जानकारी  के अनुसार इस सीजन में लगभग 5 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती प्रभावित हुई है.दोनों राज्यों में किसानों को करीब तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.इस वजह से किसानों के सामने अब यह सवाल उठ रहा है कि उनकी इस नुकसान का भरपाई कैसे होगी.

किसान हुए परेशान (Farmers Were Upset)

दोनों राज्यों के किसान को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, किसानों के पास उनकी लगी फसल में लग रहे कीट और रोगों से बचाव  के लिए उनके पास ऐसा कोई कीटनाशक उपलब्ध नहीं है जो वर्तमान कीट महामारी को कंट्रोल कर सके.इससे पहले मिर्च थ्रिप्स और चावल को प्रभावित करने वाले कीटों पर जिन कीटनाशकों (Pesticides) से नियंत्रण पाया गया था, उनमें से फोसालोन (Phosalone) और डीडीवीपी (DDVP) नामक एग्रो केमिकल को पहले से ही बैन कर दिया गया है.

मिर्च की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग (Major Diseases Of Chilli Crop)

थ्रिप्स (Thrips)

यह मिर्च की फसल में लगने वाला एक प्रकार का रोग है, जो पौधे की पत्तियों तथा अन्य कोमल हिस्से को नुकसान पहुंचाता है.यह इन हिस्सों का रस चूस लेता है, जिससे पत्तियां नाव की तरह मुड़ जाती हैं.

माइट (mite)

यह भी एक प्रकार कीट है जो मिर्च की फसल की पत्तियों की सतह से रस चूसता है जिसके कारण पत्तियां नीचे की तरफ मूड़ जाती है.

English Summary: the effect of insects and fungus on chilli crops increased the problems of farmers
Published on: 16 December 2021, 12:47 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now