Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 9 October, 2021 1:49 PM IST
Seeds Subsidy

हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, कृषि विभाग द्वारा एक समीक्षा बैठक में आयोजित हुई, जिसमें आगामी रबी फसल सीजन 2021-22 के लिए बीज उत्पादन (Seed Production) और वितरण की समीक्षा की गई. इस दौरान फैसला लिया गया कि किसानों को प्रमाणित किस्मों के बीजों की खरीद पर सब्सिडी (Subsidy On Seed) प्रदान की जाएगी.

इस तरह किसानों का आर्थिक बोझ कम होगा, साथ ही फसल की पैदावार भी अच्छी प्राप्त होगी. बता दें कि राज्य के किसानों को अलग-अलग फसलों के हिसाब से 1 हजार से 4 हजार रुपए तक की तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए यह लेख अंत तक पढ़ते रहिए.

प्रमाणित बीजों पर सब्सिडी (Subsidy on Certified Seeds)

राज्य सरकार के मुताबिक, गेहूं के बीज पर 1000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सब्सिडी दी जाएगा. इसके साथ ही जौ के बीज पर 1500 रुपए प्रति क्विंटल, दलहन के बीज पर 2500 रुपए प्रति क्विंटल और तिलहन पर 4000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. बता दें कि राज्य की प्रमुख फसलें गेहूं, जौ, दलहन एवं तिलहन है. हरियाणा इन फसलों का प्रमुख उत्पादक प्रदेश माना जाता है. खासतौर पर इस बार यहां सरसों उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है.

पर्याप्त बीज की उपलब्धता (Adequate seed availability)

बताया जा रहा है कि आगामी सीजन में बीज की कोई कमी नहीं है. राज्य में करीब 21.99 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है, जबकि 17.64 लाख क्विंटल की मांग है. इसके साथ ही किसानों को नई किस्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, इसलिए प्रमाणित बीजों की खरीद पर सब्सिडी भी मिल रही है. माना जा रहा है कि करीब 3.10 लाख एकड़ भूमि के लिए प्रमाणित सरसों बीज (Mustard Seed) की मिनिकिट निशुल्क वितरित की जाएंगी. इसके अलावा करीब 22,500 एकड़ के लिए हाईब्रिड सरसों बीज निशुल्क वितरित किया जाएगा.

ये खबर भी पढ़ें: UP Beej Anudan Yojana: धान और गेहूं के बीज की खरीद पर मिलेगी 2000 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी, जानिए कैसे मिलेगा लाभ?

किसे मिली बीज उत्पादन की जिम्मेदारी? (Who got the responsibility of seed production?)

हरियाणा राज्य बीज विकास निगम, इफको, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और हैफेड को बीज उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह फैसला हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और राज्य में स्थित आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिकों के परामर्श से लिया गया है.

2 सप्ताह में पेश किया जाएगा एक्शन प्लान (Action plan will be presented in 2 weeks)

जानकारी मिली है कि बागवानी महानिदेशक और हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को राज्य निर्मित संकर बीज के उत्पादन और प्रचार करने के लिए निर्देशित किया गया है. इस संबंध में एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जो अगले 2 सप्ताह में सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.

English Summary: Subsidy up to Rs 4000 per quintal on seeds
Published on: 09 October 2021, 01:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now