हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, कृषि विभाग द्वारा एक समीक्षा बैठक में आयोजित हुई, जिसमें आगामी रबी फसल सीजन 2021-22 के लिए बीज उत्पादन (Seed Production) और वितरण की समीक्षा की गई. इस दौरान फैसला लिया गया कि किसानों को प्रमाणित किस्मों के बीजों की खरीद पर सब्सिडी (Subsidy On Seed) प्रदान की जाएगी.
इस तरह किसानों का आर्थिक बोझ कम होगा, साथ ही फसल की पैदावार भी अच्छी प्राप्त होगी. बता दें कि राज्य के किसानों को अलग-अलग फसलों के हिसाब से 1 हजार से 4 हजार रुपए तक की तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए यह लेख अंत तक पढ़ते रहिए.
प्रमाणित बीजों पर सब्सिडी (Subsidy on Certified Seeds)
राज्य सरकार के मुताबिक, गेहूं के बीज पर 1000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सब्सिडी दी जाएगा. इसके साथ ही जौ के बीज पर 1500 रुपए प्रति क्विंटल, दलहन के बीज पर 2500 रुपए प्रति क्विंटल और तिलहन पर 4000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. बता दें कि राज्य की प्रमुख फसलें गेहूं, जौ, दलहन एवं तिलहन है. हरियाणा इन फसलों का प्रमुख उत्पादक प्रदेश माना जाता है. खासतौर पर इस बार यहां सरसों उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है.
पर्याप्त बीज की उपलब्धता (Adequate seed availability)
बताया जा रहा है कि आगामी सीजन में बीज की कोई कमी नहीं है. राज्य में करीब 21.99 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध है, जबकि 17.64 लाख क्विंटल की मांग है. इसके साथ ही किसानों को नई किस्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, इसलिए प्रमाणित बीजों की खरीद पर सब्सिडी भी मिल रही है. माना जा रहा है कि करीब 3.10 लाख एकड़ भूमि के लिए प्रमाणित सरसों बीज (Mustard Seed) की मिनिकिट निशुल्क वितरित की जाएंगी. इसके अलावा करीब 22,500 एकड़ के लिए हाईब्रिड सरसों बीज निशुल्क वितरित किया जाएगा.
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हरियाणा राज्य बीज विकास निगम, इफको, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और हैफेड को बीज उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह फैसला हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और राज्य में स्थित आईसीएआर संस्थानों के वैज्ञानिकों के परामर्श से लिया गया है.
2 सप्ताह में पेश किया जाएगा एक्शन प्लान (Action plan will be presented in 2 weeks)
जानकारी मिली है कि बागवानी महानिदेशक और हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को राज्य निर्मित संकर बीज के उत्पादन और प्रचार करने के लिए निर्देशित किया गया है. इस संबंध में एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जो अगले 2 सप्ताह में सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा.