पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती महंगाई और घटती मात्रा को देखते हुए सरकार ने इसका विकल्प खोजना शरू कर दिया है. सिर्फ इतना ही बढ़ती प्रदूषण भी सभी के लिया चिंता का विषय बनता जा रहा है.
ऐसे में कई राज्य सरकार इस विषय को गंभीरता से लेते हुए इस पर काम भी कर रहे हैं.इसी क्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के निर्माण और औद्योगिक क्षेत्र के कामगारों को रियायती दर पर इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन उपलब्ध कराने की योजना सोमवार को शुरू की. उन्होंने महात्मा मंदिर में आयोजित एक समारोह में ‘गो-ग्रीन’ योजना और उसके पोर्टल का शुभारंभ भी किया और कामगारों से इस पहल का लाभ उठाने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य ईंधन का खर्च कम करना और वाहनों के प्रदूषण पर अंकुश लगाकर पर्यावरण को बचाना है.
जिस तरह से हवाएं प्रदूषित होती जा रही है, वैसे में ये कहना ग़लत नहीं होगा की आने वाले समय में आम आदमी के लिए भी सांस लेना मुश्किल होगा. इस विषय पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी एक समारोह में खुल कर अपनी बातें जनता के समक्ष रखा था, जहाँ उंहोने सभी से आग्रह करते हुए कहा था की अब समय आ गया है कि हम हवाओं को और भी ज़हरीली होने से बचा सकें. जिसके लिए हमे पेट्रोल-डीज़ल का इस्तेमाल कम से कम करना होगा और खुद को गो-ग्रीन के तरफ ले जाना होगा. उन्होंने इसका विकल्प देते हुए कहा था कि हम इलेक्ट्रिक वाहन, CNG या फिर एथेनॉल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
योजना के तहत संगठित क्षेत्र के कामगार, जैसे औद्योगिक श्रमिक, को बैटरी से चलने वाले दोपहिया वाहनों की खरीद पर वाहन की कीमत पर 30 प्रतिशत या 30,000 रुपये (जो भी कम हो) की सब्सिडी मिलेगी. राज्य सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए 50 प्रतिशत या 30,000 रुपये (जो भी कम हो) की सब्सिडी मिलेगी. इन दोनों श्रेणियों के ई-वाहन खरीदारों को आरटीओ पंजीकरण और पथकर के रूप में एकमुश्त सब्सिडी मिलेगी.
प्रोटोकॉल के अनुसार,‘‘राज्य सरकार का लक्ष्य शुरुआती चरण में निर्माण क्षेत्र के 1000 और संगठित क्षेत्र के 2,000 श्रमिकों को बैटरी से चलने वाले ऐसे दोपहिया वाहन उपलब्ध कराना है. केवल सरकार द्वारा अनुमोदित ‘मेड इन इंडिया’ वाहनों को ही योजना का पात्र माना जाएगा. इसके अलावा, एक बार चार्ज करने पर 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम उच्च-गति वाले वाहन ही इस योजना के तहत शामिल होंगे.
इसमें कहा गया है कि पात्र कर्मचारी आज ही दिन में लॉन्च किए गए पोर्टल का इस्तेमाल करके इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को चुनने और बुक करने के लिए आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं, और उनके आवेदन को मंजूरी मिलने के बाद डीलर से डिलीवरी ले सकते हैं.
हीरो इलेक्ट्रिक सेल्स नेटवर्क का करेगी विस्तारः
इसी बीच, हीरो इलेक्ट्रिक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक अपने बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने की घोषणा की है. इसके तहत कंपनी वित्त वर्ष के अंत तक देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के बीच अपने ‘टचपॉइंट’ की संख्या 1,000 करेगी.
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश के 500 से अधिक शहरों में कंपनी के बिक्री केंद्रों का आंकड़ा 700 को पार कर गया है. कंपनी ने कहा है कि वह देशभर में 300 नए बिक्री केन्द्र खोलेगी.
हीरो इलेक्ट्रिक ने एक बयान में कहा, यह कदम केंद्र और राज्य सरकारों की उपभोक्ता-अनुकूल नीतियों, बेहतर बुनियादी ढांचे और जागरूकता में वृद्धि के अनुकूल है. इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन विनिर्माता उपभोक्ता मांग को पूरा करने के लिए तेजी से अपना विस्तार कर रहे हैं. इस क्षेत्र के अगले पांच साल में 20 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. हीरो इलेक्ट्रिक के पास एट्रिया, फ्लैश, ऑप्टिमा एचएक्स और एनवाईएक्स एचएक्स सहित इलेक्ट्रिक-स्कूटर मॉडलों की एक श्रृंखला है.
वहीं दिल्ली सरकार भी इस समस्या से जूझ रही है. आपको बता दें बढ़ती प्रदुषण को रोकने के लिए सरकार ने ओड-इवन जैसी कई चीजों को लागू कर इस को रोकने का प्रयास किया और अभी भी करती आ रही है.