Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 27 August, 2022 11:06 AM IST
एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट-पीजीडीएम (एबीएम)

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि आज कृषि के परिवेश को बदलने की आवश्यकता है. जलवायु परिवर्तन के दौर में कृषि और किसान कैसे खड़े रह सकते हैं, इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार टेक्नालॉजी के समावेश सहित विभिन्न योजनाओं के जरिये कृषि को समृद्ध करने व किसानों की आय बढ़ाने के लगातार प्रयास कर रही है. कृषि व किसानों की समृद्धि के इस कार्य में विद्यार्थी भी समय देकर जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए देश के प्रति महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात आज हैदराबाद में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) के दीक्षांत समारोह में कहीं. इस छठें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि तोमर ने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट)-पीजीडीएम (एबीएम) के विद्यार्थियों को डिग्री व पदक प्रदान किए.

तोमर ने कहा कि मैनेज के छात्र-छात्राएं कृषक समाज की सेवा करते हुए अपने आपको गौरवशाली महसूस करेंगे व आत्मनिर्भर भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. तोमर ने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान है. कृषि की प्रधानता और प्राथमिकता को हमने सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया बल्कि प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों में इसे सिद्ध भी किया है.

विडंबना यह है कि कृषि प्रकृति पर निर्भर है. किसान परिश्रम करें, सरकार सब्सिडी दें, समय पर खाद, बिजली व पानी मिले और फसल खेत में लहलहा रही है, इसके बाद भी अगर प्रकृति नाराज हो जाएं तो फसल में रोग लग सकता है, ओला या पाला पड़ सकता है, बाढ़ से नुकसान हो सकता है. हालांकि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों के नुकसान की भरपाई की जाती है, लेकिन आज आवश्यकता है स्थिति में बदलाव करने की. खेती के क्षेत्र में टेक्नालॉजी को कैसे बढ़ाया जा सकता है, किसानों को नुकसान से कैसे बचाया जा सकता है, उनकी आमदनी कैसे बढ़ाई जा सकती है, नई पीढ़ी को कृषि के प्रति कैसे आकर्षित किया जा सकता है, इन सब मुद्दों पर सरकार काम कर रही है. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन सहित कई योजनाएं शुरू की गई हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों के प्रशिक्षण के मैनेज के कार्य सफल एवं उच्चकोटि के है. कुछ ऐसे संस्थान होते हैं, जो गुणवत्ता व कार्य के प्रति समर्पण के साथ शिक्षा प्रदान करते है. ऐसी शिक्षा लेते-लेते विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य बनाते है. इन छात्रों को अपने संस्थान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना चाहिए. 

तोमर ने कहा कि आज मैनेज में एक बहुआयामी संरचना का उद्घाटन भी किया है, जिसका नाम आचार्य चाणक्य के नाम पर रखा गया है. एग्री स्टार्टअप को भी और बढ़ावा दिया जाएगा जो समय की मांग है. एग्री बिजनेस शिक्षा की महत्ता को देखते हुए मंत्री तोमर ने कहा कि मैनेज के पीजीडीएम (एबीएम) में प्रवेश संख्या को 60 से बढ़ाकर 100 तक करने का निर्णय लिया गया है. इस अवसर पर मैनेज के महानिदेशक डॉ. पी. चंद्रशेखरा ने कहा कि प्रशिक्षण, अनुसंधान, परामर्श, नीति समर्थन के साथ ही केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के परिपालन के अलावा कई अन्य गतिविधियां भी करते हैं, जो हमें भारतीय कृषि के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर बनने की राह पर आगे बढ़ाते हैं. मैनेज भारत में 200 से अधिक संगठनों में कृषि व्यवसाय शिक्षा की गुणवत्ता व मानकों में सुधार करने का प्रयास करेगा.

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव मनोज अहूजा विशेष रूप से उपस्थित थे. इस अवसरप मैनेज स्टाफ व विद्यार्थियों के साथ ही उनके माता-पिता व अन्य गणमान्यजन मौजूद थे.

English Summary: Students should give time for the prosperity of agriculture and farmers
Published on: 27 August 2022, 11:11 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now