Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 9 November, 2020 5:41 PM IST

हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने का सिलसिला लगातार जारी है. इस वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक हो रहा है. एक बार फिर दिल्ली (Delhi) के लोगों को पराली जलने की वजह से भारी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. इसी बीच बिहार के पटना जिले के डुमरांव गांव के कृषि विभाग ने एक अहम फैसला लिया है कि फसल अवशेष या पराली जलाने वाले किसानों को 3 साल तक सरकारी योजनाओ का अनुदान नहीं दिया जाएगा.

कृषि विभाग का कहना है कि जो किसान खेतों में पराली जला रहे हैं, उन किसानों की पहचान कर ऑनलाइन निबंधन को काली सूची में डाल दिया जाएगा. इससे उन्हें अनुदान का लाभ नहीं मिल पाएगा. बता दें कि यहां किसानों को ऑनलाइन निबंधन से ही अनुदान का लाभ दिया जाता है, इसलिए पराली जलाने की सूचना पर संबंधित किसानों को योजनाओं से वंचित रखने में कोई परेशानी नहीं होगी. ऐसे में पंचायत स्तर पर कृषि समन्वयक पराली जलाने वाले किसानों की सूची तैयार की जाएगी.

आपको बता दें कि किसानों को अनुदान से वंचित रखने के लिए जलाए गए फसल के रकबा का फोटो या दस्तावेज अपलोड करना होगा. इसके  बाद ही किसान को अनुदान से वंचित किया जाएगा. इसके अलावा उसके पड़ोसी किसानों का नाम, मोबाइल नम्बर भी देना होगा. कृषि समन्वयक को प्रमाणित करना होगा कि किसान ने अपने खेत में पराली जलाई है. इसके बाद कृषि पदाधिकारी द्वारा कृषि समन्वयक के रिर्पोट के आधार पर फैसला लिया जाएगा और किसान को 3 साल के लिए अनुदान से बंचित रखने की प्रकिया पूरी होगी.

जानकारी के लिए बता दें कि कृषि विभाग द्वारा किसानों को डीजल, खाद, बीज, कृषि यांत्रिकीकरण समेत कृषि इनपुट अनुदान योजना असमय वर्षा, आंधी या ओलाबृष्टि के कारण प्रभावित हुई फसलों के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है.

English Summary: Stubble-burning farmers will not be given the benefit of subsidy schemes for 3 years
Published on: 09 November 2020, 05:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now