सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 14 October, 2022 11:12 AM IST
Smart Protein Summit 2022 organized to improve the food system in india

इरोज होटल, नेहरू प्लेस, नई दिल्ली में स्मार्ट प्रोटीन शिखर सम्मेलन 2022 (Smart protein Summit 2022) भारतीय 'वैकल्पिक प्रोटीन' क्षेत्र में केंद्रीय विशेषज्ञ संगठन, विचारक और संयोजक निकाय द गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया द्वारा क्यूरेट का आयोजन किया गया.

आपको बता दें कि यह सम्मेलन 13 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर तक जारी रहेगा. इस दौरान इस सम्मेलन में विज्ञान, व्यवसाय और नीति में अद्वितीय अंतर्दृष्टि के साथ स्मार्ट प्रोटीन और अपनी टूटी हुई खाद्य प्रणाली के पुनर्निर्माण में तेजी लाने के लिए खाद्य नवाचार और बाजारों की सामूहिक शक्ति को लेकर चर्चा की जाएगी.

इस बार यह सम्मेलन इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री-FICCI  स्मार्ट प्रोटीन समिट 2022 में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. बता दें कि FICCI  भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना शीर्ष व्यापार संगठन है. स्मार्ट प्रोटीन शिखर सम्मेलन 2022 गुड फूड इंस्टीट्यूट इंडिया द्वारा फिक्की के साथ साझेदारी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के समर्थन से तीसरा संस्करण है. राष्ट्रीय मिशन बनाने के इस प्रयास में  यह शिखर सम्मेलन एक नए मंच के रूप में उभरकर सामने आया है, जो स्मार्ट प्रोटीन की अप्रयुक्त क्षमता को उजागर करता है, यह सम्मेलन हमारी प्रगति को आगे बढ़ाता है  और साथ ही यह बताता है कि यह भारत की नई हरित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में कैसे एक प्रमुख स्तंभ बनने की ओर अग्रसर है.

सम्मेलन में हुई ये महत्वपूर्ण बातें

इस शिखर सम्मेलन में जीएफआई एशिया के अध्यक्ष वरुण देशपांडे, एपीडा के सचिव डॉ सुधांशु, सिराज अजमत चौधरी, डॉ रविशंकर सीएन (निदेशक, आईसीएआर-सीआईएफई), डॉ गुरमीत सिंह (प्रोफेसर और केंद्र प्रमुख, टीडीयू), सुनील मारवाह (सीईओ, एफआईसीएसआई), वीके विद्यार्थी, एपीडा, डॉ.एन मधुसूदन राव (सीईओ, एआईसी-सीसीएमबी), अरुण चावला, दीपक बागला, इन्वेस्ट इंडिया और फिक्की के सलाहकार और पूर्व सचिव, कृषि भारत सरकार आदि अतिथि मौजूद रहे.  

जीएफआई एशिया के अध्यक्ष वरुण देशपांडे ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और सुरक्षा के मामले में हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, वे अधिक बढ़ रही हैं. हम सब को लगता है कि स्मार्ट प्रोटीन मांस, अंडे और डेयरी वनस्पति, कोशिकाओं व सूक्ष्मजीवों से निर्मित- अधिक टिकाऊ, सुरक्षित और न्यायपूर्ण खाद्य आपूर्ति के लिए हमारे सर्वोत्तम दांवों में से एक है.  

इसके अलावा इस सम्मेलन में फिक्की के सलाहकार और पूर्व सचिव, कृषि भारत सरकार ने भी अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि स्मार्ट प्रोटीन दुनिया के लिए एक नई अवधारणा हो सकती है, लेकिन देखा जाए तो यह विशाल वैश्विक क्षमता के लिए सही नहीं है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य प्रणाली को बदलने के लिए देश के किसानों के साथ संबंध बनाने और स्थानीय उत्पादकों से प्रोटीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट प्रोटीन क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा अवसर है.

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए इस सम्मेलन में सिराज अजमत चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय समिति, फिक्की, पूर्व अध्यक्ष, कारगिल इंडिया, एमडी और सीईओ, एनसीएमएल ने कहा कि इसे दलितों के प्रतिशोध के रुप में देखता हूं और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत में एक कहावत है घर की मुर्गी दाल बराबर होती है. देखा जाए तो अब हमारे पास भी मांस के साथ प्रतिस्पर्धा के तौर पर दाल और दालें मौजूद हैं. किसान अनाज की फसलों से दालों व बाजार जैसी विधि प्रोटीन युक्त फसलों में विविधता ला सकते हैं.

स्मार्ट प्रोटीन समिट 2022 सम्मेलन में एपीडा के सचिव डॉ सुधांशु ने कहा कि हमारे नागरिकों को सुरक्षित व स्वच्छ भोजन का पूरा अधिकार है. जब भी हम नए उत्पादों के साथ नवाचार करते हैं, तो वह सभी आम जनता के लिए भी अच्छा होना चाहिए.

स्मार्ट प्रोटीन समिट 2022 सम्मेलन के उद्देश्य

  • पशु प्रोटीन के स्थायी विकल्पों के बारे में लोगों को जागरूक करना.

  • खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना.

  • भारत को स्मार्ट प्रोटीन नवाचार की वैश्विक दौड़ में सबसे आगे लाना.  

  • देश में स्मार्ट प्रोटीन के आर्थिक अवसरों को उजागर करना.

  • भारत में हरित अर्थव्यवस्था के रूप में स्मार्ट प्रोटीन को बढ़ावा देना.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.जो कुछ इस प्रकार से हैं:

पहले दिन के सम्मेलन में

  • वैज्ञानिक मंच: अगली पीढ़ी के उत्पादों का विकास

  • बायोटेक को बड़े पैमाने पर पोषित करना

  • परिवर्तन का वित्तपोषण: स्मार्ट प्रोटीन परिदृश्य में निवेशक

  • उद्योग मंच गोलमेज सम्मेलन: अंतिम छोर तक सुपुर्दगी में चुनौतियाँ

  • ब्लेज़िंग ए ट्रेल: प्लांट-आधारित स्टार्टअप्स इनोवेशन के मोर्चे पर

  • विज्ञान मंच गोलमेज सम्मेलन: अगली पीढ़ी को प्रशिक्षण

  • नवाचार के लिए एक स्प्रिंगबोर्ड: प्रत्येक प्लेट के लिए स्मार्ट प्रोटीन

  • उद्योग मंच गोलमेज सम्मेलन: स्मार्ट प्रोटीन इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण

  • आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार: भारत में निर्मित स्मार्ट प्रोटीन परिवर्तन

  • उच्च चाय और नेटवर्किंग

दूसरे दिन के सम्मेलन में

  • स्मार्ट प्रोटीन इकोसिस्टम डेटाबेस वीडियो स्क्रीनिंग को फिर से लॉन्च करना.

  • स्मार्ट प्रोटीन पारिस्थितिकी तंत्र: मूल्य श्रृंखला में नेटवर्किंग

  • बाजार के लिए नियामक मार्ग: परिवर्तनकारी नवाचार के लिए एक सक्षम वातावरण

  • उद्योग मंच गोलमेज सम्मेलन: विभिन्न चैनलों के माध्यम से स्मार्ट प्रोटीन का विपणन/बढ़ाना

  • टैलेंट पूल का निर्माण: वैश्विक परिदृश्य को शक्ति प्रदान करने वाले भारतीय नेता

  • उद्योग मंच गोलमेज सम्मेलन: पौधे आधारित खाद्य पदार्थों में लेबलिंग

  • स्मार्ट प्रोटीन कॉरिडोर: पूरक लाभ का निर्माण

English Summary: Smart Protein Summit 2022 organized to improve the food system in india
Published on: 14 October 2022, 11:21 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now