छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कवर्धा जिले में नवपदस्थ कलेक्टर जनमेजय महोबे द्वारा किसानों के हित में एक बैठक की गई. इस बैठक का आयोजन खरीफ सीजन वर्ष 2022-23 की तैयारियों को देखते हुए किया गया था, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, उप पंजीयक सहकारी संस्थाए, कृषि, मार्कफेड, सीसीबी नोडल, विपणन, और उद्यानिकी विभाग के अधिकारी शामिल हुए.
इस दौरान कलेक्टर ने खाद, बीज आंवटन, उनके भण्डारण व्यवस्था की पूरी गहनता से समीक्षा की. इसके साथ ही कलेक्टर ने किसानों के खरीफ फसलों की खेती से जुड़ी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए कहा कि खाद-बीज के आंवटन के आधार पर समितियों द्वारा पंजीकृत किसानों को वितरण सुनिश्चित किया जाए.
आपूर्ति की भारी कमी
इस बैठक में बताया गया कि जिले में अधिकतर किसान खेती करते हैं, इसलिए यहां डीएपी खाद की मांग अधिक है, लेकिन इस मांग की तुलना में डीएपी कम है. मगर किसान भाई ध्यान दें कि डीएपी खाद के विकल्प में सिंगल सुपर फास्फेट खाद खेती के लिए उपयोगी है. ऐसे में किसानों को सिंगल सुपर फास्फेट खाद की महत्व को बताना जरूरी है.
5263 क्विंटल बीज किया जा चुका है वितरित
इसके अलावा बैठक में बताया गया कि जिले के किसानों को विभिन्न फसलों के 5263 क्विंटल बीज वितरित किए जा चुके हैं. इसके चलते समितियों में धान, कोदो व अरहर का कुल 450 क्विंटल बीज उपलब्ध है. इसके साथ ही बैठक में किसानों को समय पर खाद व बीज का शत-प्रतिशत् वितरण कराने का निर्देश दिया गया.
मांग पर पत्र लिखा
बैठक में कृषि उपसंचालक एमडी डड़सेना द्वारा बताया गया कि जिले के खाद भण्डारण का कुल लक्ष्य 41 हजार 750 मीट्रिक टन है और 32 हजार 167 मीट्रिक टन उर्वरक प्राप्त हो चुका है.
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वहीं, डीएपी की आपूर्ति अपेक्षाकृत कम हुई है, इसलिए इसकी आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए मार्कफेड को पत्र लिखा है.