कई बार होटलों या दुकानों से कुछ खा लेने की वजह से हमारी सेहत खराब होने लगती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि वहां का खाद्य तेल बार-बार प्रयोग में लाया जाता है, जो शरीर के लिए नुकसानदेह होता है. इससे कैंसर मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
मगर अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने नियम बनाया है, जिसके तहत पकौड़ी, समोसा, पूड़ी आदि बेचने वाले दुकानदार खाद्य तेल को 3 बार से ज्यादा उपयोग नहीं कर सकेंगे. इस नियम का पालन कराने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग दुकानदारों की सूची भी तैयार कर रहे हैं.
ड्रोम मशीन बताएगी टीपीसी
प्राधिकरण की तरफ से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को एक ड्रोम मशीन दी गई है. इस मशीन के जरिए खाद्य तेल में टोटल पोलर कंपाउंड (टीपीसी) की जांच की जाएगी. अगर खाद्य तेल में टोटल पोलर कंपाउंड 25 से ज्यादा है, तो खाद्य तेल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
बता दें कि टोटल पोलर कंपाउंड तब बढ़ता है, जब तेल को बार-बार गर्म किया जाता है. जब टोटल पोलर कंपाउंड मानक से ज्यादा होने लगता है, तो तेल का रंग काला और नीला हो जाता है. इसके साथ ही जरूरत से ज्यादा गाढ़ा भी हो जाता है. इससे खाद्य तेल में ट्रांस फैक्ट की मात्रा भी बढ़ जाती है. इसके अलावा तेल को बार-बार गर्म करने से फैट पार्टिकल्स भी टूट जाते हैं और उससे जो धुआं निकलता है, वह आंखों में जलन करता है.
सेहत से जुड़ी समस्याएं
बताया जा रहा है कि कई बार इस्तेमाल किया गया तेल शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होता है. अगर इसका इस्तेमाल लंबे समय तक किया जाए, तो इससे कैंसर, मधुमेह, मोटापे की समस्या हो सकती है. इसके साथ ही पेट, आंत और लिवर भी प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा तेल से बने पदार्थ का सेवन करने से चक्कर आना, जी मचलाना, पेट दर्द और गैस बनने की समस्या आ सकती है.
बायोडीजल बनाने वाली कंपनियां खरीदेंगी तेल
अब खाद्य विभाग द्वारा देखा जाएगा कि कि होटलों या दुकानों में माह में कितना तेल उपयोग में लाया जा रहा है. इसके साथ ही तेल तीन बार गर्म होने के बाद कितना बचता है और वे इस तेल का क्या करते हैं.
इसके अलावा दुकानदारों के मोबाइल में आयल ब्रदर्स ऐप डाउनलोड कराया जाएगा, ताकि वे बायोडीजल बनाने वाली कंपनी से अनुबंध कर तेल बेच सकें. इसके बाद कंपनियां उनके यहां डिब्बा रखेंगी, फिर महीने के आखिरी में तेल ले जाएंगी. इस तरह कारोबारी 3 बार तक गर्म किए गए तेल को बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
इतना ही नहीं, उनका बायोडीजल बनाने वाली कंपनियों से अनुबंध कराने की योजना भी बनाई गई है. बता दें कि विभाग के 26 खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में होटल, रेस्टोरेंट, स्ट्रीट वेंडर को चिह्नित कर रहे हैं. अभी करीब 190 कारोबारियों की सूची बनाई गई है, जिनके यहां हर महीने करीब 9 हजार लीटर प्रयोग किया गया खाद्य तेल निकलता है.
वाट्सएप ग्रुप पर देनी होगी जानकारी
अधिकारियों की तरफ से जानकारी मिली है कि एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें कारोबारी को बताना होगा कि उसने कितना तेल यूज किया है और किस कंपनी को बेचा है.
अगर उसने कंपनी बदल ली है, तो इस बात की सूचना भी देनी होगी. अगर कोई भी सूचना नहीं देता है, तो इस संबंध में खाद्य सुरक्षा अधिकारी जांच कर कार्रवाई भी कर सकते हैं.