Kisan Credit Card: किसानों को अब अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Loan Scheme: युवाओं को बिना ब्याज मिल रहा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 29 July, 2022 3:58 PM IST
Senior Scientist Dr. Himanshu Pathak appointed as the new Director General of ICAR

New Director General of ICAR: भारत सरकार की कैबिनेट अपॉइंटमेंट कमेटी द्वारा इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर (आईसीएआर) के महानिदेशक पद के लिए नए नाम पर मुहर लग गई है. बता दें कि वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु पाठक को कृषि अनुसंधान, शिक्षा विभाग (डेयर) का सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का महानिदेशक (डीजी) नियुक्त किया गया है. यह जानकारी कार्मिक मंत्रालय के आदेश में दी गई है.

कार्मिक मंत्रालय के आदेश के अनुसार उनकी नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तारीख से 60 वर्ष की आयु तक के लिए होगी.

आपको बता दें कि डॉ. हिमांशु पाठक ने 1982-1986 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक, कृषि की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद 1986-1988 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से मास्टर ऑफ साइंस, कृषि की पढ़ाई पूरी की और फिर 1988-1992 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी - पीएचडी, कृषि महारथ हासिल की.

जलवायु परिवर्तन, मृदा विज्ञान शोध में विशेष रूचि रखते हैं. वह मौजूदा वक्त में महाराष्ट्र के बारामती में आईसीएआर-राष्ट्रीय अजैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं.  इससे पहले वे निदेशक, भाकृअनुप-एनआरआरआई, ओडिशा (कटक) में नियुक्त  थे. उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में 1992-01 तक एक वैज्ञानिक के तौर पर कार्य किया है. इसके बाद 2001-06 तक वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्य किया.

इसके अलावा इंडो-गंगेटिक 2006-09 में मैदानों के लिए चावल-गेहूं कंसोर्टियम  (आरडब्ल्यूसी), अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई)-भारत, नई दिल्ली के लिए प्रधान वैज्ञानिक के पद पर कार्य किया है.

इतना ही नहीं, साल 2009-16 तक डॉ. पाठक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली और साल 2013-16 तक पर्यावरण विज्ञान अनुसंधान, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में प्रोफेसर के पद पर भी कार्यरत रहे.

पुरस्कार / सम्मान

डॉ. हिमांशु पाठक को विभिन्न अकादमियों की फैलोशिप एंव सम्मान भी मिली है, जिनकी जानकारी नीचे दी गई है...

  • साल 2007 में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस)

  • साल 2013 में पश्चिम बंगाल विज्ञान और प्रौद्योगिकी अकादमी, भारत

  • साल 2014 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए), भारत

  • साल 2016 में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (NASI)

  • साल 2018 में भारतीय जलवायु कांग्रेस, भुवनेश्वर, ओडिशा

  • साल 2004 में जर्मनी के अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट फैलोशिप

  • साल 2007 में आउटस्टैंडिंग एडमिनिस्ट्रेटिव सपोर्ट अवार्ड , आईआरआरआई, फिलीपींस

ICAR का 94वां स्थापना दिवस और पुरस्कार समारोह बना किसानों के लिए संकल्प का दिन

इसके अलावा डॉ हिमांशु पाठक को अनेक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया है. डॉ.पाठक को कई प्रोफेशनल समितियों के अध्यक्ष भी रहे हैं, जिसमें एसोसिएशन ऑफ राइस रिसर्च वर्कर्स, कटक, ओडिशा (2018), सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर, नई दिल्ली (2016), ISCA (2007) प्रमुख हैं. 

कृषि जागरण डॉ. हिमांशु पाठक को कृषि अनुसंधान, शिक्षा विभाग (डेयर) का सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का डीजी नियुक्त किए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता है.

English Summary: Senior Scientist Dr. Himanshu Pathak appointed as the new Director General of ICAR
Published on: 29 July 2022, 04:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now