अमूल जल्द लॉन्‍च करने जा रहा है 'सुपर म‍िल्‍क', एक गिलास दूध में मिलेगा 35 ग्राम प्रोटीन पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान से जुड़ी सभी जानकारी, जानें कब, कैसे और किस प्रक्रिया का करें इस्तेमाल 150 रुपये लीटर बिकता है इस गाय का दूध, जानें इसकी पहचान और विशेषताएं भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 7 November, 2021 10:00 AM IST
Organic Pesticides

क्या आप रामफल के बारे में जानते हैं या अपने कभी इसका नाम सुना है? शायद कभी सुना होगा. रामफल एक ऐसा फल है, जिसका पेड़ फलदार वृक्ष या झाड़ी की तरह होता है. इस फल को आमतौर पर 'कस्टर्ड सेब'  ('Custard Apple' ) के रूप में जाना जाता है. रामफल में पौधे में कई सारे पोषक तत्व होने के साथ – साथ औषधीय लाभ भी होते हैं.

रामफल का वैज्ञानिक नाम एनोना रेटिकुलाटा (Annona Reticulata) होता है जो की अलग – अलग देशों में अलग – अलग नाम से जाना जाता है. वहीं हमारे भारत में इस फल को रामफल के नाम से जाना जाता है. इसके पत्ते का उपयोग परजीवी कीड़े के इलाज के लिए किया जाता है एवं फोड़े, फोड़े और अल्सर पर इलाज के रूप में भी किया जाता है.

जैसा की बताया गया है कि रामफल से कई औषधीय लाभ होते हैं इसी बीच आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे बताने जा रहे हैं जिन्होंने रामफल की पत्तियों के रस से जैविक पेस्टीसाइड (organic pesticide) बनाने का फार्मूला तैयार किया है. आइये जानते हैं इनकी सफलता की कहानी के बारे में.  

दरअसल, दिल्ली पब्लिक स्कूल रायपुर के एक विद्यार्थी सर्वेश प्रभु ने रामफल के पत्तियों के रस से एक नई शोध कर फसलों पर लगने वाले कीटों से रोकथाम करने के लिए पेस्टीसाइड तैयार किया है.  

सर्वेश प्रभु का क्या है कहना (What Does Sarvesh Prabhu Have To Say)

सर्वेश परभू का कहना है कि रामफल की पत्तियों में एसिटोजेनिन नाम का केमिकल पाया जाता है जो फसलों पर लगने वाले कीटों को ख़त्म करने में काफी सहायक साबित हो सकता है. रामफल की पत्तियों का रस पूर्ण रूप से जैविक पेस्टीसाइड है. सर्वेश के मुताबिक यदि हम फसलों पर रामफल की पत्तियों से बनाया गया पेस्टीसाइड का छिडकाव करते हैं तो फसलों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करता है.

इस खबर को भी पढ़ें - जैव कीटनाशकों और उर्वरकों की उपयोग के प्रोत्साहन हेतु सरकार दे रही 50 हजार रुपये की सहायता

सर्वेश के मन में कैसे आया विचार (How Did The Idea Come To Sarvesh's Mind?)

सर्वेश का कहना है कि कोरोना के वक्त सभी जगह तालाबंदी हो गयी थी उस समय वह अपनी नानी के घर थे. सर्वेश ने बताया की जब वह नानी के घर थे तब वे अक्सर खेतों में जाया करते थे जहाँ उन्होंने पाया कि खेतों में लगी फसलों में कई तरह के कीट लग रहे थे, जिनसे बचाव के लिए किसान अनेक तरह की रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल कर रहे थे. उसके बाद से उन्होंने कई तरह के पौधों पर जैविक पेस्टीसाइड बनाने के लिए शोध किया, फिर उन्होंने रामफल पर भी शोध किया, जिसमें उन्होंने जैविक पेस्टीसाइड बनाने में सफलता हासिल की.

सर्वेश की इस शोध की अमेरिका तक में हुई सराहना (Sarvesh's Research Was Appreciated Till America)

सर्वेश प्रभु की शोध की वजह से उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला है. इसके साथ ही उन्हें 20 हजार डॉलर की स्कालरशिप पुरस्कार भी मिला है. सर्वेश की सफल प्रयोग की सराहना भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका सहित कई अन्य देशों में भी हो रही है.

English Summary: Sarvesh made organic pesticide from Ramphal leaves, know the features
Published on: 06 November 2021, 05:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now