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Updated on: 9 December, 2021 12:39 AM IST
Agricutlure

किसानों को खेती-बाड़ी के कामों में कई तरह की परेशानियों का समाना करना पड़ता है. कभी बेमौसम बारिश फसलों को बर्बाद कर देती है,  तो कभी खाद में मिलावट होने की वजह से भी फसलें बर्बाद हो जाती हैं. इसी बीच किसानों के लिए एक और मुद्दा चिंता का विषय बन गया है. हाल ही में सब्सिडी वाले उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं ने फसलों में उपयोग की जाने वाली उर्वरक के दामों में वृद्धि कर दी है.

लेकिन राज्य सरकार किसानों के भविष्य की चिंता हमेशा ही करती रहती है. उर्वरक के दामों में वृद्धि होते देख उन्हें समझ आ गया है कि इस बढ़ते दामों से किसानों की परेशानी बढ़ सकती है, इसलिए वे इस फैसले से ना खुश होंगे. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के कृषि मंन्त्री दादा जी भूसे ने केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है.

कृषि मंत्री ने पत्र में क्या लिखा? (What did the Agriculture Minister write in the letter?)

उन्होंने पत्र में लिखा है कि सब्सिडी वाले उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं ने इस सप्ताह के दौरान उर्वरकों की कीमत (fertilizers price) में वृद्धि कर दी है. इससे राज्य के किसानों में असंतोष फैलने की आशंका दिख रही है. उर्वरकों के रेट में बढ़ोत्तरी के फैसले को वापस लिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने खाद के दाम में हुई वृद्धि का पूरा ब्यौरा भी पत्र में लिख भेजा है. इसके साथ ही पत्र में मनसुख मंडाविया से किसानों की तरफ से अपील की है कि हालात को देखते हुए उर्वरकों की दर में वृद्धि को वापस लेने के लिए आवश्यक निर्देश दिया जाए. उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि रबी फसलों (Rabi Crop) की बुवाई का मौसम जोरों पर है, साथ ही किसानों द्वारा उर्वरक की मांग अधिक है.

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उन्होंने आगे लिखा है कि किसानों के लिए इस तरह के उच्च मूल्य वाले उर्वरक खरीदना मुश्किल होगा, क्योंकि महाराष्ट्र में ज्यादातर सीमांत और छोटे किसान हैं. खाद की कीमतों में वृद्धि के कारण किसानों में असंतोष पैदा हो रहा है. राज्य के किसानों में इस तरह से किसानों को होने वाली असंतोष जनक बातें को इंकार नहीं किया जा सकता है.

English Summary: rising prices of fertilizers worries farmers in maharashtra, agriculture minister writes letter
Published on: 09 December 2021, 02:15 PM IST

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