प्रतिदिन बढ़ती महंगाई का असर आम लोगों की जेब पर सीधे देखने को मिलता है. लेकिन आपको बता दें कि बहुत जल्दी लोगों की इस बढ़ती महंगाई से छुटकारा मिलने वाला है. दरअसल, महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने एक बड़ा ऐलान किया है कि इस वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही से महंगाई दर में गिरावट आ सकती है. इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय बैंक सभी तरह के मौद्रिक दिशा-निर्देशों को जारी रखेगा.
अब मिलेगी महंगाई से राहत (Now you will get relief from inflation)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में गवर्नर दास ने कहा कि इस समय सप्लाई का आउटलुक बेहतरीन नजर आ रहा है. इस क्रम में सभी इंडिकेटर 2022-23 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था की रिकवरी के संकेत दे रहे हैं. इस सब को देखते हुए आने वाले समय में देश की मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम होने की संभावना है. देखा जाए तो ऐसा होने से देश की अर्थव्यवस्था को झटका कम लगने की आशंका है और महंगाई पर भी लगाम लग सकती है.
इसके अलावा दास ने दुनियाभर में भी लगातार बढ़ती महंगाई के बारे में भी कहा कि जहां एक तरफ दुनियाभर में महंगाई की बढ़ोत्तरी को साफ देखा जा सकता है. लेकिन दूसरी और ग्लोबल ट्रेड में भारी गिरावट भी देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि इसके चलते कुछ समय के लिए नियंत्रण से बाहर चीजों पर महंगाई देखने को मिल सकती है. इसके साथ ही हम देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए रिजर्व बैंक की योजनाओं पर समय-समय पर बदलाव करते रहेंगे. ताकि आम लोगों की जेब पर महंगाई का सीधा असर नहीं पड़े.
महंगाई की दर (Inflation rate)
महंगाई को लेकर दास का कहना है कि हम देश की व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए हर एक प्रयास को पूरा करेंगे और साथ ही अपनी सभी नीतियों की समीक्षा भी जारी रखेंगे. मौद्रिक नीति समिति(MPC) अप्रैल-जून महीने की बैठक में साल 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति दर में बदलाव कर उसे 6.7 प्रतिशत तक कर दिया है.
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देखा जाए तो मई माह में थोक महंगाई की दर लगभग 15.88 प्रतिशत तक देखने को मिली थी. दूसरी और अप्रैल महीने में यह दर 15.08 प्रतिशत तक थी.