दिल्ली बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 79 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में पंजाब और हरियाणा के अधिकतर किसान शामिल हैं. किसान और सरकार के बीच कई बार बातचीत हुई, लेकिन अभी तक कोई भी हल निकलकर सामने नहीं आया है.
इसके चलते संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के नेता गुरनाम सिंह ने कहा था कि दिल्ली में किसानों का आंदोलन अक्टूबर तक जारी रहेगा. उनके इस बयान पर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रतिक्रिया दी है
दरअसल, राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि किसानों का आंदोलन अनिश्चितकाल तक चलने वाला है. उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन की अवधि को लेकर किसी भी तरह का प्लान नहीं किया गया है. इसी कड़ी में आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा है कि उनके द्वारा देशभर में 18 फरवरी को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा. इस दिन किसानों की तरफ से दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक ट्रेनें रोकी जाएंगी. इसके साथ ही किसानों ने 12 फरवरी से राजस्थान में सभी टोल फ्री करने का ऐलान का भी किया है.
किसानों ने तय किए कार्यक्रम
14 फरवरी- देशभर में पुलवामा के शहीदों की याद में कैंडल मार्च और मशाल जुलूस निकालेंगे.
16 फरवरी- देशभर में किसान नेता सर छोटूराम की जयंती पर श्रद्धांजलि देंगे.
आपको बता दें कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान काफी हिंसा हुई है. इस मामले में लगातार दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की. बता दें कि पुलिस ने एक आरोपी इकबाल सिंह को गिरफ्तार भी किया. जिस पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया था. इससे पहले पुलिस ने पंजाबी सिंगर दीप सिद्धू को भी अरेस्ट किया था. इस पर लाल किले में उपद्रवियों को भड़काने का आरोप लगा है.
बताया जा रहा है कि लाल किले की घटना के बाद से सिद्धू फरार था, लेकिन उनके फेसबुक अकाउंट पर लगातार वीडियो अपलोड हो रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू कैलिफॉर्निया में अपनी एक महिला मित्र के कॉन्टैक्ट में थे, जो कि एक्ट्रेस भी है. इसी फ्रेंड के जरिए ही सिद्धू फेसबुक पर वीडियो अपलोड करवा रहे थे और पुलिस को चकमा देने के लिए बार-बार लोकेशन बदल रहे थे. ऐसे में सिद्धू का सुराग देने पर पुलिस ने 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया था.
हालांकि, कोर्ट ने सिद्धू को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. इस दौरान अलग-अलग वजहों से लगभग 70 किसानों की मौत भी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि कुछ किसानों ने खुदकुशी कर ली है, तो कुछ किसनो की मौत बीमारी या ठंड की वजह से हुई है.