Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 13 September, 2022 5:30 PM IST
पंजाब के किसानों के लिए मौसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी

खरीफ का सीजन अभी अपने पीक पर चल रहा है, इसलिए पंजाब के मौसम विभाग द्वारा किसान भाईयों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें बताया गया है कि इस फसल के सीजन में किसानों को अपनी फसल की देखभाल किस तरीके से करना चाहिए.

मौसम विभाग ने निम्न फसलों और पशु पक्षियों की देखभाल करने के लिए सलाह दी है:

चावल:

धान की फसल को झुलसा से बचाने के लिए खेत की मेड़ों की घास हटाकर साफ रखें और  यदि इस रोग के लक्षण दिखाई दें, तो 150 मिली पल्सर या 26.8 ग्राम एपिक या 80 ग्राम नेटिवो या 200 मिली एमिस्टर टॉप या टिल्ट को पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

इसके अलावा चावल की फसल को कृंतक कीटों(फसल खाने वाले कीड़े) से बचाने के लिए फोलिकुर/ओरियस 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ मौसम साफ होने के बाद चावल की फसल में छिड़काव करें. बेहतर परिणाम पाने के लिए इस प्रथा को पूरे गांव में अपनाएं उसी समय आवश्यकता आधारित यूरिया का प्रयोग करें.

धान में तना छेदने वाले कीटों से बचने के लिए मोर्टार 75SG (कार्टापहाइड्रोक्लोराइड) 100 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाएं और इसका छिड़काव करें. 

कपास:

कपास की फसल में लीफ कर्ल प्रभावित पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें और जब सफेद मक्खी ज्यादा हो जाए, तो वयस्क प्रति पत्ती सुबह 10 बजे से पहले  400 मिली सेफिना 50DC (एफिडोपाइरोफेन) या 60 ग्राम ओशीन 20SG का छिड़काव करें. यदि खेत के सर्वेक्षण के दौरान गुलाबी सुंडी के कारण 5% फूल क्षतिग्रस्त पाए जाते हैं, तो 500 मि.ली. क्यूराक्रॉन 50 ईसी का छिड़काव करें.

गन्ना:

अगर गन्ने को अंदर से खत्म करने वाला कीट का प्रकोप हो, तो प्रबंधन 10 किलो फर्टेरा 0.4 जीआर या फ्यूराडेन/डायफ्यूरेन/फ्यूराकर्ब/फ्यूरी 3जी कार्बोफ्यूरा प्रति एकड़ 12 किलो के हिसाब से छिड़काव करें. इस दवा का छिड़काव करने के बाद मिट्टी को थोड़ा सा पलटकर हल्की सिंचाई करें.

मक्का:

अनाज की फसल पर फॉल आर्मीवर्म का प्रबंधन करने के लिए, फसल पर कोराजन 18.5 एससी (@ 0.4 मिली प्रति लीटर प्रति लीटर) का छिड़काव करें. प्रति एकड़ 120 से 200 लीटर पानी का प्रयोग करें.

बागवानी के लिए विशिष्ट सलाह

सब्जी:

भिंडी में जस्सीद रोग को नियंत्रित करने के लिए 15 दिन के अंतराल के बाद एक या दो बार 5 प्रतिशत नीम आधारित कीटनाशक 80 मिली एकोटिन को 100-125 लीटर पानी में प्रति एकड़ के अनुपात में मिलाकर छिड़काव करें.

फलों को सड़ने और मिर्च को कीटों से बचाने के लिए 250 मिली फोलिकर या 750 ग्राम इंडोफिल एम 45 का दस दिन के अंतराल में 250 लीटर पानी प्रति एकड़ के अनुपात में मिलाकर इसका इस्तेमाल करें.

बैंगन में फल पर कीटों के हमले को रोकने के लिए 100 से 125 लीटर पानी  में 80 मिली कोरेजन 18.5 एससी या 80 ग्राम प्रोक्लेम 5एसजी मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल करें.

फल:

साइट्रस, अमरूद, आम, लीची, सपोटा, जामुन, जैसे सदाबहार पौधौं के रोपण के लिए यह एकदम सटीक समय है. इसके साथ ही नमी होने की वजह से बगीचों में पेड़ों के आसपास उगने वाले बड़े खरपतवार जैसे कांग्रेस घास, भांग आदि को हटा देना चाहिए. इस मौसम में इन्हें उखाड़ना बहुत आसान है. मक्खी द्वारा प्रभावित अमरूद के फलों को नियमित रूप से हटाते रहें. साइट्रस के बागों में फाइटोफ्थोरा (गमोसिस) के प्रबंधन के लिए यह उपयुक्त समय है.

लाइव स्टॉक विशिष्ट सलाह

पशुपालन:

डेयरी फार्म के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था बहुत आवश्यक है. दस पशुओं के लिए 6 फुट लम्बा, 3 फुट गहरा और 3 फुट चौड़ा पानी का कुंड पर्याप्त होता है जिसमें 1500 लीटर पानी समा सकता है. पानी के कुंड की दीवारों को सफेदी से धोया जाना चाहिए, जो हरे शैवाल पनपने से रोकता है. अगर संभव हो सके तो इसे हर 15 दिन में दोहराना चाहिए. साथ ही हर 3-4 घंटे में मोटर से टंकी को दोबारा भर देना चाहिए, ताकि जानवरों को ताजा पानी मिल सके.एक दुधारू पशु प्रतिदिन औसतन 70-80 लीटर पानी पी सकता है इसलिए गर्मी में पानी की मात्रा बढ़ा देने से पशु को राहत मिलती है.

चिड़िया:

फ़ीड सेवन की भरपाई के लिए गर्म और आर्द्र मौसम में उपयोग किए जाने वाले पोल्ट्री फीड में 15-20 प्रतिशत अधिक प्रोटीन, खनिज और विटामिन होना चाहिए. कोक्सीडायोसिस की घटनाओं से बचने के लिए बरसात के मौसम में नमी से बचें. इस रोग की रोकथाम के लिए कुक्कुट आहार में कोक्सीडायोसिस डालें. रानीखेत रोग से बचने के लिए शेड के अंदर बारिश का प्रवेश न होने दें और 6-8 सप्ताह की आयु के अपने पक्षियों को R2B के इंजेक्शन का टीका लगवाएं और इस टीके को पीने के पानी या लस्सी में न दें.

English Summary: punjab government released a advisory for farmers
Published on: 13 September 2022, 05:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now