पंजाब सरकार ने शुक्रवार के दिन यानी 12 अगस्त 2022 को बासमती चावल (Basmati rice) की विरासत को बचाने के लिए कुछ दिनों के लिए 10 तरह के कीटनाशकों के उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इन कीटनाशकों पर बैन लगाने से पहले कृषि एसोसिएशन ने बासमती की अच्छी उपज को बचाने के लिए अन्य देशों में बासमती निर्यात को लेकर इन कृषि रसायनों पर प्रतिबंध (ban on agrochemicals) लगाने का अनुरोध किया था. ताकि किसानों को बासमती की सही पैदावार (proper production of basmati) प्राप्त हो सके और आने वाले समय में वह इससे अधिक लाभ कमा सके.
बैन किए गए कीटनाशक (Banned Insecticides)
पंजाब सरकार के द्वारा बैन किए गए कीटनाशकों के नाम कुछ इस प्रकार से है. एसेफेट, बुप्रोफेज़िन, क्लोरोपायरीफॉस, मेथामिडोफोस, प्रोपिकोनाज़ोल, थियामेथोक्सम, प्रोफेनोफोस शामिल हैं. Isoprothiolane, Carbendazim, और Tricyclazole.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान समय में पंजाब में लगभग 10000 से भी अधिक कीटनाशक डीलर व किसान भाइयों के पास इन कीटनाशकों का स्टॉक मौजूद है. लेकिन सरकार के बैन होने के बाद इनका इस्तेमाल किसान अब अपने खेत में नहीं कर सकते हैं. अगर इस दौरान कोई किसान या डीलर इसका इस्तेमाल करता है, तो उनके ऊपर सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है.
क्यों किया कीटनाशक बैन (Why Insecticides Ban)
इन कीटनाशक के उपयोग पर बैन (ban on Insecticides use) लगाने पर पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य में बासमती चावल के निर्यात और खपत पर बाधा को देखते हुए सरकार ने इस फैसले को लिया है. बता दें कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू), लुधियाना ने राज्य में बासमती चावल में कीटों को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक कृषि रसायनों की सिफारिश की है. ताकि आने वाले समय में किसानों को बासमती की अच्छी पैदावार प्राप्त हो सके. इस विषय पर कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब में कीटनाशकों के प्रतिबंधित करने से अब अवशिष्ट प्रभाव वाले अच्छी गुणवत्ता के बासमती चावल का उत्पादन (Basmati rice production) किया जा सकता है.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षण किए गए कई नमूनों में बासमती चावल में एमआरएल मूल्यों से बहुत अधिक अवशेष मूल्य प्राप्त होता है. जिसके कारण बासमती में उपयोग होने वाले कीटनाशकों को बैन किया गया है.