बढ़ती महंगाई का असर देश के किसानों को भी झेलना पड़ रहा है. जहां एक तरफ देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें (Petrol-Diesel Prices) लगातार आसमान को छू रही है. वहीं खेती करने के लिए डीएपी-पोटाश समेत कई उर्वरकों की कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उर्वरक बनाने वाली कंपनियों ने अपने सभी उत्पादों की कीमतों में भारी इजाफा कर दिया है.
देखा जाए तो इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) कंपनी ने पिछले महीने ही डीएपी (50 किलोग्राम बैग) खुदारा की कीमत (retail price) लगभग 1,200 रुपये से बढ़ाकर 1,350 रुपये तक कर दी हैं. वहीं भारतीय बाजार में एनपीकेएस उर्वरक की कीमत (NPKS fertilizer price) लगभग 1290 रुपये से बढ़ाकर 1,400 रुपये तक हो गई है.
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निजी कंपनियों द्वारा पोटाश के दाम बढ़ाने की तैयारी (Preparations to increase potash prices by private companies)
इसके अलावा कई निजी कंपनियों ने भी पोटाश की एमआरपी 1,700 से लेकर 1,750 रुपये तक कर दी है, जिससे किसानों को खेती करने में बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अगर हम बात करें, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमतों की तो यूक्रेन-रूस युद्ध संकट और साथ ही अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों का असर बाजार में जरूरी सामान कीमतों पर पड़ रहा है.
उर्वरकों पर सरकार दे रही अधिक सब्सिडी (Government is giving more subsidy on fertilizers)
सरकार ने देश के किसानों की मदद करने के लिए सभी जरूरी उर्वरकों पर मिलने वाली सब्सिडी (subsidy on fertilizers) को भी दोगुना कर दिया है, ताकि किसानों को उर्वरक आसानी से प्राप्त हो सके. सरकार का यह भी कहना है कि इस साल वित्त वर्ष 2022-2023 में फॉस्फोरस और पोटाश सब्सिडी (Phosphorus and potash subsidies) को ध्यान में रखते हुए 42,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया हैं और वहीं सरकार ने संशोधित अनुमान (आरई) में 0,720 करोड़ से बढ़ाकर 64,150 करोड़ रुपये कर दिए हैं, ताकि किसानों को खेती को लेकर किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना ना करना पड़े.
- डीएपी पर सब्सिडी को प्रति बैक 500रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये
- पोटाश पर सब्सिडी को बढ़ाकर 1450से 1500 रुपये
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की बढ़ती कीमतें (Rising prices of fertilizers in the international market)
भारतीय बाजार ही नहीं विदेशी बाजार में भी उर्वरकों की बढ़ती कमीतों का असर पड़ रहा है. विदेशी बाजार में डायअमोनियम फॉसफेट (डीएपी) और म्यूरिएट ऑफ पोटाश (एमओपी) काफी उच्च कीमतों पर बिक रहे हैं. यह सभी उर्वरक ब्राजील में भारत से 13.5 गुना अधिक कीमतों पर बिक रहे हैं.