हवाओं को शुद्ध करने और किसानों की जिंदगी के साथ-साथ आम लोगों के जिंदगी को और भी बेहतर बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. जिस तरह से लोग अपनी सुविधा के लिए पेड़ों को काट रहे हैं, उससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले समय में शुद्ध हवाओं के लिए भी हमे बाजारों की ओर रुख करना पड़ेगा.
इन सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.आपको बता दें भारत सरकार की ओर से लगातार छोटे किसानों और भूमिहीन मजदूरों की आमदनी को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने कई भाषणों में कई योजनाओं का जिक्र कर चुके हैं. जिससे किसानों का भला हो सके. ऐसी ही एक योजना हरियाणा सरकार (Haryana Govt) भी लेकर आई है, जिससे भूमिहीन किसानों के लिए आने वाले समय काफी मदद मिल सकता है.
पेड़ों की देखभाल करेंगे तो मिलेगी पेंशन
हरियाणा सरकार की नई योजना प्राण वायु देवता (Pran Vayu Devta) नाम से एक अनोखी पेंशन स्कीम (Pension Scheme) की शुरुआत की है. इसके तहत हरियाणा सरकार ने 75 साल से ऊपर की उम्र वाले पेड़ों को पेंशन देने की योजना बनाई है. पेंशन पाने के लिए किसानों को पेड़ों की देखभाल करनी होगी. इन पेड़ों की देखभाल करने वालों को सालाना 2500 रुपये पेंशन देने की योजना बनाई है. किसानों को सालाना 2500 रुपये पेंशन देने का फैसला किया गया है.
क्या है इस योजना का उद्देश्य?
आपको बता दें इस स्कीम से पुराने किसानों और भूमिहीन मजदूरों को लाभ तो होगा ही, साथ ही पेड़ों की कटाई पर भी रोक लगेगी. इसके अलावा, पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और हवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. पेड़ों की पेंशन के लिए अंबाला वन संरक्षण विभाग के पास अभी तक 55 पेड़ों की लिस्ट आ चुकी है.
पेंशन के लिए कैसे करें अप्लाई?
अंबाला जिला वन संरक्षण अधिकारी हैरतजीत कौर बताते हैं कि अगर किसी भी व्यक्ति के घर में 75 साल या उससे ऊपर की उम्र का पेड़ है और वे इस पर पेंशन लेने के इच्छुक हैं, तो वे अपने जिले के वन विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं.
सरकार पौधारोपण पर भी दे रही है जोर
सरकार बढ़ते वायु प्रदुषण पर अंकुश लगाने के लिए और हवा को और भी स्वक्ष बनाने के लिए पौधारोपण के कार्यक्रमों पर भी जोर दे रही है. इतना ही नहीं जल शक्ति अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों को एक हजार पौधे भी निशुल्क दिए जा रहे है. लेकिन हर साल जो पौधे लगाए जाते हैं उन्हें विकसित होने में काफी समय लग जाता है.
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पुराने पेड़ों के स्वस्थ तनों पर अच्छे दाम मिलते हैं, अक्सर किसान कुछ पैसों के लिए उन्हें काटकर बेच देते हैं. ऐसे में इस तरह के पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की कटाई को रोकने के लिए और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है.
जिस तरह से हवाएं जहरीली होती जा रही हैं उसको रोकना सरकार और देश की जनता के लिए अत्यंत जरुरी हो गया है. ठण्ड के मौसम में जिस तरह से हवाएं प्रदूषित होती है, उससे ना जाने कितने लोगों को परेशानी होती है.
इन सभी चीज़ों को ध्यान में रखते हुए साथ ही छोटे किसान और भूमिहीन मजदूरों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार अलग-अलग योजनाएं चला रही हैं.