असम में भारत सरकार की नीति के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा अपने बजट का 10 प्रतिशत भाग आवंटित किया जा रहा है. यह भाग खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए आवंटित किया गया है.
इस बीच खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने एक बैठक की है. इस बैठक में उन्होंने बताया कि इस समय असम में करीब 200 करोड़ रुपए की परियोजना लागत के साथ 15 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां काम कर रही हैं. इसके साथ ही करीब 60 करोड़ रुपए के कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर्स परियोजना को मंजूरी दी गई है. इस राशि की एक अन्य कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर्स-एपीसी परियोजना तैयार है, जिसे मंजूरी देना बाकी है. उन्होंने कहा कि असम के नलबाड़ी जिले में मेगा फूड पार्क के माध्यम से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसर बढ़े हैं. बता दें कि असम में कृषि आधारित कार्य प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PM Kisan Sampada Yojana) के तहत किए जाते हैं.
क्या है प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (What is PM Kisan Sampada Yojana)
इस योजना की शुरुआत अगस्त 2017 में की गई थी. इस योजना में कृषि आधारित कार्य किए जाते हैं. इसके तहत सरकार कृषि क्षेत्र में नई तकनीकी का इस्तेमाल करती है, साथ ही आधुनिकीकरण को बढ़ावा देती है. इसके अलावा कृषि उपज की प्रोसेसिंग और उसके भंडारण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, कृषि बर्बादी को कम करके किसानों को लाभ पहुंचाना, साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाना है.
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य (What is PM Kisan Sampada Yojana)
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किसानों को बड़े स्तर पर लाभ पहुंचाना
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किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देना
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कृषि उपजों का सही ढंग से प्रबंधन करना, साथ ही उन्हें समय पर बाजार तक पहुंचाना
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बड़े स्तर पर काम कर नए-नए रोजगार के अवसर पैदा करना
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कोल्ड चेन और एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर बनाकर लाभ फायदा पहुंचाना
क्या है खाद्य प्रसंस्करण? (What is Food Processing)
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PM Kisan Sampada Yojana) के तहत पूरा फोकस खाद्य प्रसंस्करण पर ही दिया जाता है. इसके तहत किसी प्राथमिक खाद्य वस्तु को कई तरह की खाद्य वस्तुओं में बदला जाता है. जैसे कि गेहूं से दलिया या अन्य कई तरह की चीजें आदि. अगर प्रसंस्करण नहीं किया जाए, तो गेहूं का इस्तेमाल सिर्फ आटे में हो सकता है.
आपको बता दें कि असम सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना-पीएमकेएसवाई और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना-पीएमएफएमई को लोगों के लिए सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास के जरिए किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिलेगा.