केंद्र और राज्य सरकार किसानों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही हैं, जिसके तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) भी शामिल है. इस योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को लाने के लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने एक खास कदम उठाया है.
दरअसल, योगी सरकार ने 1 दिसंबर से राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है. यह अभियान 1 से 7 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा. बता दें कि इस योजना के जरिए प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों के कारण फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है. यह कदम संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने के मद्देनजर उठाया गया है.
1 दिसंबर से शुरू होगा फसल बीमा सप्ताह (Crop insurance week will start from 1st December)
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों को जागरूक करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए रबी सीजन 2021-22 के पहले सप्ताह को फसल बीमा योजना सप्ताह (PMFBY Week) के रूप में मनाया जाएगा. यह योजना 13 जनवरी 2016 को शुरू की गई थी, ताकि फसल के नुकसान के कारण किसानों को होने वाले नुकसान के जोखिम को कम किया जा सके.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दावा है कि किसानों को प्रीमियम के रूप में भुगतान किए गए प्रत्येक 100 रुपये के लिए 537 रुपये का रिकॉर्ड दावा प्राप्त हुआ है. सरकार का दावा है कि दिसंबर-2020 तक किसानों ने 19 हजार करोड़ रुपये के बीमा प्रीमियम का भुगतान किया, जिसके बदले में उन्हें करीब 90 हजार करोड़ रुपये का दावा मिला.
उत्तर प्रदेश सरकार करेगी किसानों को जागरूक (Uttar Pradesh government will make farmers aware)
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) द्वारा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और वाणिज्यिक बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित वित्तीय संस्थानों के समन्वय से सप्ताह भर चलने वाला अभियान चलाया जाएगा. कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश में, 2019-20 में कुल कृषि योग्य क्षेत्र 35.5 लाख हेक्टेयर से अधिक थे, जिसमें लगभग 47 लाख किसानों का PMFBY के तहत बीमा किया गया था. यह वास्तव में, 16,743 करोड़ रुपये की बीमा राशि में तब्दील हो गया है.
रिकॉर्ड बताते हैं कि उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और राजस्थान से काफी पीछे है. जहां पीएमएफबीवाई के तहत क्रमश: 1.45 करोड़ और 85 लाख किसानों का बीमा किया गया है. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना के तहत बीमित 6.12 करोड़ किसानों में से सिर्फ 7 प्रतिशत से अधिक का योगदान है. राज्य के कृषि विभाग ने 75 जिलों के 75 विकास खंडों में अभियान चलाने का फैसला किया है, जहां बीमित किसानों की संख्या कम है.
इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी (Agriculture Chief Secretary Devesh Chaturvedi) ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा कि आकांक्षी जिलों और अनुसूचित जनजातियों की पर्याप्त आबादी वाले जिलों पर जोर दिया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सेवापुरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक क्षेत्र गोरखपुर के कैंपियरगंज ब्लॉक और यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की पाथरदेव विधानसभा सीट में इस योजना को सख्ती से लागू करने का प्रस्ताव रखा है.
योजना के बारे में विभिन्न जिलों में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष वाहनों को शाही एक दिसंबर को लखनऊ से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.