गाय का दूध, गोबर बहुत लाभकारी माना जाता है. वहीँ, गौ मूत्र के भी अनेक फायदे होते हैं. इसी बीच गाय के गोबर से देश के किसानों की आर्थिक तरक्की का रास्ता खुलने वाला है. जी हाँ, किसानों के लिए एक अच्छी खबर है.
बता दें कि खादी और ग्रामोद्योग विभाग ( Khadi and Village Industries Department) ने गाय के गोबर से वैदिक पेंट (Vedic Paint) लॉन्च किया है. जो कि गाय के गोबर से निर्मित है. इस पेंट को लॉन्च करने के मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
इसी बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के किसानों की आय को बढ़ाना के लिए एवं ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग जल्द ही 4 जिलों में वैदिक पेंट की इकाई लगाएगा. जिनमें बाराबंकी, वाराणसी, बलिया और मेरठ के पंजोखरा शामिल हैं. इन इकाइयों की अगले फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में इसका उत्पादन शुरू होने की संभावना है. इस वैदिक पेंट के अभी केवल दो तरह के उत्पादों- डिस्टेंपर और व्हाइट पेंट का निर्माण किया जा रहा है.
वैदिक पेंट की विशेषता (Characteristics Of Vedic Paint)
इस खादी प्राकृतिक पेंट में गाय के गोबर का इस्तेमाल हुआ है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, खादी प्राकृतिक पेंट की लागत भी कम हैं और यह गंधहीन है. इस पेंट को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है. बयान में कहा गया है कि यह खादी प्राकृतिक पेंट Distemper Paint और Emulsion Paint में उपलब्ध है.
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गोबर से होगी 30,000 रुपये की कमाई (30,000 Rupees Will Be Earned From Cow Dung)
खादी और ग्रामोद्योग आयोग का कहना है कि इस पेंट से स्थानीय निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. पेंट की इस तकनीक से गाय के गोबर का इस्तेमाल बढ़ेगा. यह गोशालों की आमदनी बढ़ाने में भी अहम भूमिका अदा करेगा. इस पेंट के निर्माण से किसान या गोशाला को एक पशु से हर साल तकरीबन 30,000 रुपये की आमदनी होगी.