कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) में पैसा जमा करने वालों के लिए एक बार फिर सरकार ने अच्छी खबर निकाली है. आपको बता दें कि होली के मौके पर कर्मचारियों की होली और भी रंग-बिरंगी बनाने के लिए पीएफ (Provident Fund - PF) पर पहले से ज्यादा ब्याज अब सरकार देना जा रही है. सबसे पहले कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) के बारे में जानते हैं.
क्या है कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO)?
EPFO के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की हर कंपनी को अपने कर्मचारी को EPF (Employee Provident Fund) का लाभ देना जरूरी है. जिसके लिए सरकार ने अलग से धाराएं भी निर्धारित की गयी है. जिसके तहत अगर कोई कंपनी इस फंड का लाभ अपने कर्मचारियों को नहीं देता है, तो उस पर सरकारी कार्रवाई हो सकती है. EPF में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की ओर से योगदान रहता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है. हालांकि नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन स्कीम EPS में जाता है, और बाकी का हिस्सा कर्मचारी के PF में.
वहीँ दूसरी ओर ख़बरों के मुताबिक, अगले महीने EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में होनी है. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बैठक में कर्मचारियों को लेकर कई बड़ी योजनाएं बनाई जाएंगी. इस बैठक में कई बड़े फैसलों पर विचार होना है. इस बैठक का मुख्य एजेंडा पेंशन की न्यूनतम राशि को बढ़ाना और पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दरों पर फैसला लेना है.
वहीँ यह भी ख़बर आती मिल रही है कि PF अकाउंट पर ब्याज डर को बढ़ाया जाएगा. ऐसे में होली के मौके पर आपको ब्याज़ में बढ़ोतरी का तोहफा मिल सकता है.गुवाहाटी में सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक होने वाली है. ईपीएफ में जमा रकम पर 8.5 फीसदी की मौजूदा ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकता है. वर्तमान में पीएफ फण्ड पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है. ये पीएफ पर मिलने वाला सबसे कम ब्याज है. इससे पहले 2018-19 में पीएफ की ब्याज दर 8.65 फीसदी, साल 2016-17 में 8.65 फीसदी की दर और साल 2017-18 में यह दर 8.55 फीसदी थी.
CBT के सदस्य ने ब्याज दर बढ़ाने की रखी मांग
11-12 मार्च 2022 को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक होनी है. जिसमें ब्याज दर को बढ़ाने की मांग CBT के कुछ मेंबर द्वारा रखी जाने की संभावना है. आकड़ों के मुताबिक, 2020-21 में CBT ने 8.5% ब्याज तय किया गया था. सबसे ज्यादा 8.80% ब्याज 2015-16 में मिला था. EPF में कर्मचारी और कंपनी दोनों का अंशदान होता है. जिसके बाद CBT की सिफारिशों पर वित्त मंत्रालय फैसला लेगा.
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इन मुद्दों पर भी होंगे विचार-विमर्श
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मौजूदा न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 1,000 रुपये से 6,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की मांग की है, जबकि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी या CBT इसे बढ़ाकर 3,000 रुपये कर सकता है.
ईपीएफओ के पैसे को निजी कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करने का विवादास्पद मुद्दा भी बैठक में चर्चा का विषय होगा. साथ ही 2021-22 के लिए पेंशन फंड की ब्याज दर क्या हो, इस मुद्दे पर भी फैसला हो सकता है. सीबीटी न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 3,000 रुपये करने का फैसला कर सकता है. ट्रेड यूनियन इसे बढ़ाने की मांग कर रही है.